बताया गया है कि दिल्ली के एक डैंटल क्लीनिक के डेंटिस्ट डा. संदीप कुमार ने प्राप्त मंजूरी के बाद रामपाल के इलाज के लिए अपने अटेंडेंट के साथ साल भर में 24 बार कई घंटे का विजिट किया था। वहीं रामपाल के इलाज के संबंध में हिसार के सिविल हॉस्पिटल के डा. विक्रम पंघल की रिपोर्ट को आधार बनाया गया जिसके मुताबिक रामपाल की समस्या ठीक है और उन्हें आगे पोस्ता ठीक इलाज की जरूरत नहीं है।
हाईकोर्ट में दिए जवाब में पंजाब जेल मैनुअल्स का हवाला देते हुए कहा गया है कि केवल विशेष केसों में कैदियों को केवल तभी बाहरी विशेषज्ञों द्वारा इलाज की मंजूरी दी जाती है अगर जेल का मैडीकल ऑफिसर पाए कि संबंधित बाहरी इलाज जरूरी है। वहीं, सिविल हॉस्पिटल, हिसार की रिपोर्ट के मुताबिक रामपाल को आगे दांतों के इलाज की जरूरत नहीं है। मामले में अब याची रामपाल के वकील गगन प्रदीप सिंह बल 2 अप्रैल को बहस करेंगे।