71 साल बाद आज गुलामी की बेड़ियों से आजाद हुआ रोहनात

 खबरें अभी तक। भिवानी का रोहनात गांव आजादी के 71 साल बाद आज गुलामी की बेड़ियों से आजाद हुआ। जिस गांव ने देश के लिए इतना कुछ किया उस गांव के लिए सरकारों ने कुछ भी नहीं किया लेकिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गांव में जाकर तिरंगा फहराया। आजादी के 71 साल बाद इस गांव में पहली बार तिरंगा फहराया गया। इतना ही नहीं उन्होंने गांव के बुजुर्गों को सम्मानित किया अौर लाखों रुपए की कई परियोजनाअों का शुभारंभ भी किया।

उल्लेखनीय है कि 14 सितंबर, 1857 के अंग्रेजों ने इस गांव को बागी घोषित कर दिया व 13 नवंबर को पूरे गांव की नीलामी के आदेश दे दिए गए। 20 जुलाई, 1858 को गांव की पूरी 20656 बीघे जमीन व मकानों तक को नीलाम कर दिया गया। इस जमीन को पास के पांच गांवों के 61 लोगों ने महज 8 हजार रुपए की बोली में खरीदा।

अंग्रेज सरकार ने फिर फरमान भी जारी कर दिया कि भविष्य में इस जमीन केा रोहनात के लोगों को ना बेचा जाए। धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो गई और यहां के लोगों ने अपने रिश्तेदारों के नाम कुछ एकड़ जमीन खरीदकर दोबारा गांव बसाया, मगर लोगों को मलाल आज भी है कि देश की आजादी के लिए अपना सब कुछ खो देने के बावजूद उन्हें वो जमीन तक नहीं मिली जिसके लिए वे आज तक लड़ाई लड़ रहे हैं। जिस गांव ने देश के लिए इतना कुछ किया उस गांव के लिए सरकारों ने कुछ भी तो नहीं किया।