रद्दी कागज से रचाया महिला ने गुड़ियों का संसार, गिनीज बुक में दर्ज है नाम

 मानव सभ्यता के विकास के दौरान इंसान ने अपनी एक खूबी से सबको प्रभावित किया है। वो है इंसानों जैसी प्रतिकृति बनाने की कला और इसे ही नाम मिला, डॉल मेकिंग यानी गुड़िया बनाने का हुनर।

वैसे तो गुड़िया बच्चों के मन को बहलाने के लिए बनाई जाती है। मगर कई बार वो बड़ों के दिलों को भी छू जाती है। ये केवल एक खिलौना न होकर किसी क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत और कला की तस्वीर भी पेश करती है।

वैसे तो अलग-अलग सामान की मदद से गुड़िया बनाई जाती है। ऐसे में आपने भी शायद ही ऐसा कभी सुना हो कि कोई रद्दी कागज से गुड़िया बनाए। मगर कोच्चि की विजिथा रिथीश ऐसी महिला हैं, जो रद्दी कागज के टुकड़ों से रंग-बिरंगी गुड़िया बनाती हैं। अपनी इसी काबिलियत और हुनर के दम पर उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी दर्ज हो चुका है।

वैसे तो लोग घर के रद्दी कागज को कचरे के डब्बे में फेंक देते हैं। मगर विजीथा अपने घऱ आने वाले शादी के कार्ड, पुराने अखबार, बुकलेट को कचरे के ढेर में नहीं जाने देती हैं। वो इसी रद्दी कागज से रंग-बिरंगी गुड़िया बनाती हैं। विजीथा का कहना है कि, “जो सामान लोगों के लिए रद्दी हो जाता है, उसे मैं गुड़िया बनाने के लिए रेडीमेड सामान के तौर पर इस्तेमाल करती हूं। मैंने कभी भी किसी क्राफ्ट दुकान से पेपर नहीं खरीदे। मेरे लिए घर में आए शादी के कार्ड, रंगीन कागज पर छपे एड ही गुड़िया बनाने के लिए काफी हैं।”