केंद्रीय बलों ने कार्रवाइयों की बजाय आत्महत्या से खोए ज्यादा जवान

केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के करीब 700 जवानों ने पिछले छह साल में आत्महत्या कर ली। यह संख्या इन बलों के उन जवानों से कहीं ज्यादा है जो विभिन्न कार्रवाइयों के दौरान शहीद हो गए। यह नहीं, इस दौरान स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले जवानों की संख्या भी करीब 9000 प्रतिवर्ष रही।

वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी की अध्यक्षता वाली संसदीय प्राक्कलन समिति को केंद्रीय गृह सचिव के नेतृत्व में गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। जवानों के आत्महत्या करने की वजहों में स्थायित्व का अभाव, अकेलापन और घरेलू कलह प्रमुख हैं।

खास बात यह है कि अपने इन तथ्यों के समर्थन में गृह मंत्रालय ने सभी छह साल के आंकड़े देने की बजाय अलग-अलग साल के आंकड़े दिए हैं। इनके मुताबिक, शहादत की बजाय आत्महत्या का अनुपात एसएसबी में सबसे ज्यादा है। इसके बाद सीआइएसएफ और आइटीबीपी का स्थान है।