आखिर क्यों विजय शंकर ने खुद को किया कमरे में बंद

खबरें अभी तक। रविवार को दिनेश कार्तिक के ‘चमत्कारी छक्के’ से भारत ने निदहास ट्रॉफी पर कब्जा कर लिया. इस मैच ने न सिर्फ कार्तिक की जिंदगी बदल डाली, बल्कि नवोदित ऑलराउंडर विजय शंकर के लिए भी ‘अविस्मरणीय’ कहलाएगा.

फाइनल में 17 गेंदों में महज 19 रन बनाने वाले विजय शंकर आलोचनाओं के घरे में थे. दबाव में अच्छा न खेल पाने का उन्हें भी मलाल था. उनके मन में खुद की नाकामी पर तरह-तरह के सवाल उठने लगे थे.

उस रात वह लगातार सोचते रहे कि अगर डीके (दिनेश कार्तिक) ने वह छक्का न मारा होता और हम हार गए होते, तो क्या हुआ होता..? मैंने इतने डॉट बॉल न खेले होते, तो हम आसानी से जीत गए होते..? मैं मैच जीतने के लिए उनका आभारी हूं, लेकिन बहुत दुखी भी कि मैंने अपने बल्ले से मैच जीतने का अच्छा मौका गंवा दिया.

और तो और, मैच खत्म होने के बाद तमिलनाडु के इस क्रिकेटर में खुद को होटल के कमरे में बंद कर लिया था.इंटरव्यू के दौरान उन्होंने खुलासा किया, ‘मैं बहुत परेशान था और होटल पहुंचते ही मैंने दरवाजा बंद कर लिया.’ लेकिन वो दिनेश कार्तिक ही थे, जिन्होंने नॉक कर कमरा खुलवाया और मेरा हौसला बढ़ाया और धर्य रखने की सलाह दी.’

 विजय शंकर ने कहा, ‘कार्तिक ने मेरा मनोबल बढ़ाया, जिससे मैं इस रात सुकून से सो पाया. दरअसल, विजय शंकर ने मैच के 18वें ओवर में मुस्ताफिजुर रहमान के ओवर में लगातार डॉट बॉल खेल थे, जिससे भारत के लिए लक्ष्य तक पहुंचना मुश्किल हो गया था. आखिरकार दिनेश कार्तिक 8 गेंदों में 29 रन बनाकर भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाने में कामयाब हुए थे.

लेकिन.. विजय शंकर की पारी भी कुछ कम नहीं थी. उन्होंने जब नजमुल इस्लाम की गेंद पर चौका लगाया था, तो वह भारत की पारी में 30 गेंदों में पहला चौका था. लगातार विकेट गरने के दौरान विजय शंकर के उन 17 रनों का योगदान कोई छोटा नहीं था