एनजीओ के पैसे से इस देश की राष्ट्रपति ने की शापिंग, हंगामा मचा तो देना पड़ा इस्तीफा

ख़बरें अभी तक: मारीशस की राष्ट्रपति अमीना गुरीब फकीम को पद से आखिरकार इस्तीफा देना पड़ा है। वे एक एनजीओ से आर्थिक लाभ हासिल करने के मामले में फंसी थीं। उन पर लगे आरोपों को लेकर मारीशस की राजनीति गरम चल रही थी। राष्ट्रपति के वकील युसुफ मोहम्मद ने इस इस्तीफे की मीडिया से पुष्टि की है। वकील ने इस्तीफे के पीछे राष्ट्रहित की बात कहते हुए बताया कि 23 मार्च से इस्तीफा प्रभावी होगा।हालांकि एक पहले पहले गुरीब फकीम की ओर से राष्ट्रपति कार्यालय ने इस्तीफा न देने को लेकर किसी तरह का फैसला न करने की बात कही थी, मगर अचानक इस्तीफे के फैसले को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हैं। यह दीगर बात है कि प्रधानमंत्री प्रवीण जगन्नाथ उस वक्त भी कहते रहे कि गुरीब फकीम उनसे बातचीत के दौरान इस्तीफा देने पर सहमत हो गई हैं। माना जा रहा है कि नैतिक दबाव के चलते और पड़ रहे दबावों से गुरीब फकीम इस्तीफा देने को राजी हुईं।

दरअसल मारीशस के एक स्थानीय अखबार अखबार एल एक्सप्रेस ने खुलासा किया था कि राष्ट्रपति अमीना गुरीब फकीम ने एक गैर सरकारी संगठन(एनजीओ) से मिले क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर 25 हजार यूरो के आभूषण और लग्जरी साजो-सामान खरीदे। किसी एनजीओ की ओर से देश के राष्ट्रपति के लाभ अर्जित करने का मामले ने राजनीति में हंगामा खड़ा कर दिया। राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग जोर पकड़ने लगी। आखिरकार इस्तीफा देना पड़ा।

उधर एनजीओ से लाभ उठाने के मामले में राष्ट्रपति कार्यालय ने सफाई भी जारी की है। कहा है कि फकीम अंतरराष्ट्रीय स्तर की जीव विज्ञानी हैं। वे अफ्रीका में वैज्ञानिक गतिविधियों के विकास के लिए 2015 में लंदन आधारित संस्था प्लेनेट अर्थ इंस्टीट्यूट से जुड़ी थी। फकीम को मई 2016 में प्लेनेट अर्थ इंस्टीट्यूट(पीईआई) की ओर से क्रेडिट कार्ड मिला था। ताकि वे रिसर्च के दौरान अपनी यात्रा और तमाम खर्च निकाल सकें। लेकिन अन्जाने में फकीम ने इसका इस्तेमाल निजी उपभोग में कर लिया।