खैहरा की नेता विपक्ष की कुर्सी खतरे में

खबरें अभी तक। आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल द्वारा बिक्रम मजीठिया से माफी मांगने के बाद उठे तूफान में भुलत्थ से विधायक सुखपाल सिंह खैहरा की नेता विपक्ष की कुर्सी ‘खतरे’ में पड़ गई है।

हालांकि खैहरा ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ ट्विटर पर बड़ा जबरदस्त आक्रोश दिखाया था और आनन-फानन में विधायक दल व गठबंधन सहयोगी की बैठक बुलाकर विधायकों को आप से अलग होने के लिए मनाने का प्रयास भी किया लेकिन बैठक में शामिल 4-5 विधायकों के सहमत नहीं होने से यह काम सिरे नहीं चढ़ पाया। अंतत: सुखपाल खैहरा को अपना रुख नरम करना पड़ा और कई घंटे चली बैठक बिना फैसला लिए ही समाप्त करनी पड़ी।

गौरतलब है कि यदि आम आदमी पार्टी में इस मुद्दे को लेकर आम सहमति नहीं बनती और ‘टूटने’ की नौबत आती है तो सुखपाल सिंह खैहरा का नेता विपक्ष का पद भी खतरे में आ जाएगा। इसकी वजह है विधायकों की संख्या, जोकि मौजूदा समय में आप के 20 और लोक इंसाफ पार्टी के मिलाकर 22 बनते हैं।

इसी आंकड़े की बदौलत सुखपाल सिंह खैहरा नेता विपक्ष पद पर पहुंचे, क्योंकि शिरोमणि अकाली दल के पास विधायकों की संख्या 14 और भाजपा के 3 मिलाकर कुल 17 ही है। दलबदली कानून तहत यदि आप से विधायकों का गुट निकलता है तो यह संख्या कम से कम 14 होनी चाहिए। इसमें 2 लोक इंसाफ पार्टी के जोडऩे के बाद भी आंकड़ा शिअद-भाजपा से कम पड़ता है।