खबरें अभी तक। उत्तर प्रदेश की दो लोकसभा सीटों पर उपचुनाव में हार के बाद भारतीय जनता पार्टी की चिंता बढ़ती जा रही हैं. बीजेपी के सहयोगी दलों ने कई मुद्दों पर मोदी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. पहले आंध्र प्रदेश के मुद्दे पर टीडीपी ने एनडीए का साथ छोड़ दिया. अब बिहार की लोक जनशक्ति पार्टी के नेता रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान ने बड़ा बयान दिया है.
चिराग ने कहा कि बिहार के उपचुनाव एनडीए के लिए कोई भी चिंता का सबब नहीं है. लेकिन गोरखपुर में बीजेपी की हार एक चिंता का विषय है, क्योंकि वह सीएम का क्षेत्र है. और यूपी और केंद्र में बीजेपी बहुमत के साथ है. चिराग बोले कि बीजेपी को एनडीए की रणनीति को लेकर दोबारा विचार करना पड़ेगा.
उन्होंने कहा कि इस समय गठबंधन चिंता का विषय है, हमें इस बात पर विचार करना होगा कि हम क्यों एक के बाद एक उपचुनाव हार रहे हैं. चिराग बोले कि सहयोगी अपनी चिंताएं रख रहे हैं, लेकिन कोई भी इन बातों को गंभीरता से नहीं ले रहा है. चिराग ने साफ तौर पर कहा कि भारतीय जनता पार्टी को अपने सहयोगियों के साथ बैठकर उनके साथ बात करनी होगी. हालांकि, उन्होंने कहा कि अभी हम एनडीए के साथ ही हैं, 2019 में एनडीए में रहकर ही चुनाव लड़ेंगे.
उन्होंने कहा कि मांझी और टीडीपी एनडीए से बाहर जा चुके हैं शिवसेना पहले ही कह चुकी हैं वो 2019 का चुनाव अलग लड़ेगी. दूसरी तरफ सोनिया गांधी के नेतृत्व में विपक्ष की 20 पार्टियां एक हो रही हैं. हम एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे, लेकिन सभी सहयोगियों पार्टियों का सम्मान हो.
शिवसेना ने भी दिखाई आंखें
दूसरी तरफ एनडीए की सहयोगी दल शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कहा, ‘टीडीपी ने नाता तोड़ा है, हम भी लगभग से टूट चुके हैं. हम मजबूरी में साथ बैठे हैं.’ साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि, ‘2019 में बीजेपी 110 सीटें कम हो रही है. कहां से लेकर आएंगे इतनी सीटें. बीजेपी जब गोरखपुर में हार सकती है तो यह बहुत खतरे की घंटी है.’