खबरें अभी तक। अब तक पूर्वांचल की गोरखपुर सीट को बीजेपी का सबसे मजबूत दुर्ग माना जाता रहा है, लेकिन उपचुनाव में ये सुरक्षित किला दरक गया. पिछले 30 साल से बीजेपी के लिए अजेय रहे गोरखपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में बसपा के समर्थन से सपा ने जीत का परचम लहरा दिया है. बीजेपी उम्मीदवार को गोरखपुर संसदीय सीट से सिर्फ नहीं हार ही नहीं मिली बल्कि उस बूथ पर भी करारी हार का सामना करना पड़ा है, जिस गोरखनाथ मठ के योगी आदित्यनाथ महंत हैं.
गोरखनाथ मठ वाले बूथ पर बीजेपी उम्मीदवार को कांग्रेस प्रत्याशी से भी कम वोट मिले हैं. बीजेपी इस बूथ पर 50 वोट भी नहीं पा सकी है. जबकि सपा उम्मीदवार को 1775 वोट मिले हैं. जबकि योगी और गोरखपुर की सियासत का सबसे बड़ा केंद्र गोरखनाथ मठ पिछले तीन दशक से है.
गोरखनाथ मठ वाले बूथ पर बीजेपी उम्मीदवार उपेंद्र शुक्ल को महज 43 वोट मिले. जबकि सपा को 1775 वोट मिले. गोरखपुर सीट पर भले ही कांग्रेस की जमानत जब्त हो गई हो, लेकिन योगी के बूथ पर उसे बीजेपी से ज्यादा वोट मिले. कांग्रेस को 56 वोट मिले.
गोरखपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव के नतीजों ने सबको चौंका दिया. यहां से समाजवादी पार्टी ने जीत दर्ज करते हुए इतिहास रच दिया. सपा के प्रवीन निषाद को कुल 4,56,513 वोट मिले. जबकि दूसरे नंबर पर रहे बीजेपी के उम्मीदवार उपेंद्र दत्त शुक्ल को कुल 4,34,632 वोट मिले. सपा के उम्मीदवार प्रवीन निषाद ने बीजेपी के उपेंद्र दत्त शुक्ल को 21881 मतों से हराया.
बता दें कि पिछले साल सूबे में हुए नगर निकाय चुनाव में गोरखपुर के वार्ड नंबर 68 में सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपना वोट प्रयोग किया था. इसके बावजूद इस सीट पर बीजेपी का प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा था. गोरखपुर वार्ड नंबर 68 से नादिरा खातून ने बीजेपी को करारी शिकस्त दी है. इस सीट से बीजेपी प्रत्याशी माया त्रिपाठी को 483 वोटों से हार मिली थी.