केशव मौर्य बोले- योगी हमारे नेता, नहीं है कोई मतभेद

खबरें अभी तक। फूलपुर उपचुनाव में उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है. ऐसे में केशव प्रसाद मौर्य अपनी छोड़ी हुई सीट पर जी जान लगा रहे हैं.सपा और बसपा के एक साथ आने के बाद फूलपुर में मुकाबला कड़ा हो गया है, लेकिन केशव मौर्य अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं. उन्होंने इस उपचुनाव को लेकर  जानिए आखिर केशव मौर्य ने क्या-क्या कहा?

केशव मौर्य ने बताया जीत का मंत्र और गणित-

साल 2014 में ये सब अलग-अलग चुनाव लड़े थे. इसके बावजूद हम 52 फीसदी वोट पाए थे और ये सब मिलकर भी हमारे बराबर नहीं थे, तो इसलिए मैं बीजेपी की जीत को लेकर एकदम आश्वस्त हूं. ये अपने साथ अतीक अहमद को भी ले लें, तब भी हमको नहीं हरा सकते हैं. जो पीएम नरेंद्र मोदी को हराने के लिए प्रतियोगिता कर रहे हैं, जनता उनका सपना चकनाचूर करेगी. इसीलिए हमने नारा दिया है कि ‘100 में 60 हमारा है, बाकी 40 में बंटवारा है.’

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर कसा तंज-

बीजेपी के सोशल इंजीनियरिंग को अखिलेश यादव के अपनाने पर केशव मौर्य ने कहा, ”मैं अखिलेश यादव से कह सकता हूं कि नकल हमेशा होती है. बराबरी कभी नहीं होती है. सीएम योगी एक साधु हैं और साधु की कोई जाति नहीं होती है. सीएम योगी का सहयोगी केशव प्रसाद मौर्य है. पूरी कैबिनेट उनके साथ है. हम सब मिलकर कमल खिला रहे हैं. जब हमने त्रिपुरा में कमल खिला लिया, तो यह गोरखपुर और फूलपुर है.”

विपक्ष के बदहाल संगठन पर उठाए सवाल-

 उप मुख्यमंत्री ने विपक्ष के बदहाल संगठन पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस, बसपा और सपा का संगठन जितना है, बीजेपी के मुकाबले आधा भी नहीं है. बीजेपी का वोटर दलित हो या पिछड़ा हो सब हमारे साथ हैं. मतभेद की चर्चा तो केवल मीडिया के साथियों और सपा, बसपा व कांग्रेस के बीच में है. ये दल मोदी रोको अभियान में लगे हुए हैं.

योगी से मतभेद को किया पूरी तरह खारिज-

मौर्य ने कहा, ”मेरे और सीएम योगी के बीच कोई मतभेद नहीं हैं. हम मिलकर उत्तर प्रदेश को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं. हम दोनों ने मिलकर जितना काम एक साल में किया है, इन्होंने 15 साल में भी नहीं किया. प्रदेश में चारों तरफ विकास की लहर चल रही है. चाहे गरीब हो या किसान हो सबके जीवन में परिवर्तन लाने का काम हमने किया है, जिसका परिणाम लोगों के सामने है.”

याद दिलाया मायावती का सपा के खिलाफ नारा-

इस दौरान उप मुख्यमंत्री ने सपा के खिलाफ मायावती का नारा याद दिलाया. उन्होंने कहा, ”मैंने तो उसी दिन कहा था कि जब मायावती ने अखिलेश यादव का साथ दिया था. मुझे साल 2007 की बात याद आ गई. जब मायावती ने नारा दिया था- चढ़ गुंडों की छाती पर, मोहर लगेगी हाथी पर. अब ये बताएं कि वो गुंडों से शरीफ कब हो गए और इसका प्रमाण पत्र कब मिला? सपा का बसपा में विलय होगा या बसपा का सपा में विलय होगा! इससे हमें लेना देना नहीं है, लेकिन जातिवाद की राजनीति, भ्रष्टाचार की राजनीति, गुंडागर्दी की राजनीति हमारा मुकाबला नहीं कर सकती है.”

योगी के ‘मैं हिंदू हूं’ बयान को बताया एकदम सही-

योगी आदित्यनाथ के ‘मैं हिंदू हूं’ वाले बयान केशव मौर्य ने कहा कि हम कभी नहीं बदलते. हम ‘सबका साथ, सबका विकास’ की बात करते हैं और अगर हमारे सीएम योगी ने कहा है कि वर्ष में एक बार होली होती हैं और जुमा 52 बार आता है. होली के लिए नमाज का घंटा दो घंटा बढ़ा दिया गया, मौलाना ने उसका साथ दिया. उनका स्वागत होना चाहिए. उन्होंने यही तो कहा कि मुझे गर्व है मैं हिंदू हूं. मैं ईद नहीं बनाता हूं. इसमें कौन सा गलत कहा है?

 PM मोदी टोपी नहीं पहनते, तो इसमें गलता क्या-

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं टोपी नहीं पहनता हूं. इसमें क्या गलत है? यह एक सामान्य बात है. हमारे पीएम मोदी टोपी नहीं पहनते हैं. योगी ईद नहीं मनाते हैं और अगर एक ही दिन होली और जुमा पड़ जाएं और वो कह दें कि जुमे का समय बढ़ा दो, तो इसमें क्या गलत है? अगर कभी ऐसा समय आया कि मुस्लिम पक्ष का कोई त्यौहार है, तो उनके लिए भी यही किया जाएगा. इसमें लोगों को लगता है कि हम हिंदू-मुस्लिम की राजनीति करते हैं, क्योंकि कांग्रेस की इसी तरह की राजनीति के संरक्षण में सपा-बसपा फले-फूले हैं और जिंदा रहे, लेकिन आज इससे इनकी यह राजनीति समाप्त हो रही है.

कोई मुसलमान नाराज नहीं है, लेकिन सपा, बसपा और कांग्रेस को नाराजगी होती है. टोपी नहीं पहनने से न तो कोई मुसलमान नाराज है और न ही कोई हिंदू खुश है. यह हमारा भाव है. अगर कोई मुसलमान टीका नहीं लगाएगा, तो हमें कोई नाराजगी नहीं और अगर हमारे प्रधानमंत्री टोपी नहीं पहनते हैं, तो इसमें किसी को क्यों नाराज होना?

एक साल में हमने बहा दी विकास की गंगा-

योगी सरकार के काम की तारीफ करते हुए केशव मौर्य ने कहा कि साल 2014 की तुलना में चार सालों में केंद्र सरकार के माध्यम से और एक साल से कम समय में प्रदेश सरकार के माध्यम से हमने अच्छे काम किए हैं. विकास की पूरी गंगा बह रही है. आपने यहां की सड़के पहले नहीं देखी. आप देखते तो आपको लगता है कि यहां सड़के कभी बनी ही नहीं और सिर्फ कागजों में सड़कों का निर्माण हुआ.

अखिलेश ने विकास में अटकाए रोड़े-

मौर्य ने कहा कि हम जब केंद्र में सरकार में थे और सड़क बनाना चाहते थे, तो अखिलेश यादव उसमें रोड़ा थे. कोई विकास का काम उत्तर प्रदेश में होने नहीं देते थे, लेकिन आज विकास की गंगा बह रही है. सड़कें बन रही हैं. चारों तरफ खुशी की लहर है. गंगा और जमुना पर ब्रिज बन रहे हैं. हवाई अड्डा बन रहे हैं. रिंग रोड बन रहे हैं. एम्स का प्रस्ताव गया है. डिग्री कॉलेज बन रहे हैं. विकासखंड बन रहे हैं. पॉलिटेक्निक कॉलेज बन रहे हैं. मतलब चारों तरफ विकास का एक बड़ा स्वरूप तैयार हो रहा है. मुझे आपको बताते हुए हर्ष हो रहा है कि कोई भी योजना जो बनारस गोरखपुर या प्रदेश के लिए बनती है. वह इलाहाबाद के लिए भी बन रही है. भेदभाव से मुक्त पूरे प्रदेश में 22 करोड़ जनता को ध्यान में रखकर काम हो रहे हैं. इससे हमें प्रसन्नता है.

केशव बोले- अखिलेश यादव ने पिता से छीन लिया अध्यक्ष पद-

योगी के साथ अपने विवाद पर केशव मौर्य ने कहा कि जो लोग कल्पना कर रहे हैं कि विवाद है योगी और केशव में, तो गलत है. ऐसा कोई विवाद नहीं है. अखिलेश यादव जो कहते हैं कि शीशे के घर में रहने वाले दूसरों के घर में कंकड़ भी फेंकने की गलती ना करें, क्योंकि जिन्होंने अपने पिता को ही अध्यक्ष पद से बर्खास्त कर दिया और खुद अध्यक्ष की कुर्सी हथिया ली और अपने चाचा को एक तरीके से सड़क पर भेज दिया, ऐसे व्यक्ति के द्वारा इस तरह की बात की जाती है, तो यह उचित नहीं है.

अखिलेश ने पांच साल में पत्थर लगाए और भाषणबाजी की-

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि वो पांच साल तक मुख्यमंत्री रहे हैं और भाषणबाजी की है. लखनऊ में बैठकर पत्थर लगाए हैं. पत्थर तो लखनऊ में लग रहे थे, लेकिन विकास नहीं हो रहा था. सारे अपराधी, ठेकेदार, माफिया और अधिकारी मिलकर पैसे खा रहे थे, लेकिन आज जमीन पर काम हो रहा है. गुणवत्तापूर्ण सड़कें बन रही हैं. बिजली 18 घंटे से 24 घंटे मिल रही है. किसानों की कर्ज माफी की गई है. गेहूं और धान की खरीद की है. गांव में गरीबों को प्रधानमंत्री योजना के तहत मकान दिए हैं. बिजली पहुंचा रहे हैं. इसी तरह विकास हो रहा है और इसी तरह काम करना चाहिए. उन्होंने कहा, ”मैं तो अखिलेश यादव को कहूंगा कि अगर विकास के कामों में अड़ंगा लगाने वाले और काम न करने देने वाले इकलौते मुख्यमंत्री कोई रहे होंगे, तो वो अखिलेश यादव हैं.

लेनिन की मूर्ति तोड़ने का समर्थन नहीं-

लेनिन और पेरियार की मूर्ति तोड़ने पर केशव मौर्य ने कहा कि हम उन्हें महापुरुष तो नहीं मानते, लेकिन ये गलत. सबका सम्मान होना चाहिए. किसी भी महापुरुष की मूर्ति तोड़ी जाए, कोई भी नेता किसी भी दल का है, हम उससे सहमत हैं या नहीं हैं, लेकिन उसके प्रति या उसके प्रति अनादरपूर्ण शब्दों का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए. मैं  किसी महापुरुष की मूर्ति तोड़ने को सही नहीं मानता. हालांकि इनमें से कइयों को मैं महापुरुष नहीं मानता लेकिन, दूसरे विचारधारा के लोग मानते हैं कि उसका आदर होना चाहिए. अगर कोई दूसरे दल का व्यक्ति गलत कार्य कर रहा है, तो उसको कहने के सही तरीके अपनाने चाहिए. हम सबका आदर करते हैं.