चांद पर जाना चाहती थीं हिलेरी क्लिंटन, लेकिन नासा ने यह कहकर भेजने से किया था इनकार

एक बार फिर इंसान चांद पर कदम रखने की तैयारी कर रहा है, हालांकि इस बार यह कारनामा एक महिला के नाम दर्ज हो सकता है. नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर की निदेशक के मुताबिक NASA में महिला अंतरिक्ष यात्रियों की भी अच्छी संख्या है. निदेशक डॉक्टर एलेन ओचोआ ने कहा, ‘हमारे पास 3 में से 1 अंतरिक्ष यात्री महिला है और इसलिए इस बात की गुंजाइश है कि चांद पर अगला कदम रखने वाला अंतरिक्ष यात्री कोई पुरुष नहीं, बल्कि महिला होगी.’

हालांकि 1960 के दौर में नासा ने चांद पर महिलाओं के भेजने के आवेदन को सिरे से खारिज कर दिया था और कहा था कि उनका ऐसा कोई इरादा नहीं है कि महिला अंतरिक्ष यात्रियों को चांद पर भेजा जाए. दिलचस्प बात यह भी है कि जिन महिला अंतरिक्ष यात्रियों के आवेजन को खारिज किया गया था, उनमें एक नाम अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन का भी था

निदेशक डॉक्टर एलेन ओचोआ की मानें तो अगर महिला अंतरिक्ष यात्रियों को चांद पर जाने की इजाजत मिल गई जिसकी संभावना प्रबल दिख रही है, तो 1970 के बाद ऐसा पहली बार होगा कि महिलाएं चांद की धरती पर कदम रखेंगी. सैली राइड पहली अमेरिकी महिला थीं जो 1983 में अंतरिक्ष में गईं.

अमेरिका की विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने कई बार इस बात का जिक्र किया है कि वो अंतरिक्ष यात्री बनकर चांद पर जाना चाहती थीं. यही वजह थी कि 1961 में जब वे 14 साल की थीं तो उन्होंने चांद पर जाने के लिए NASA को आवेदन दिया था, लेकिन नासा ने यह कहते हुए कि वो लड़कियों और महिलाओं को आंतरिक्ष यात्री के तौर पर नहीं लेते… उनका आवेदन खारिज कर दिया.