महाराष्ट्र में गुटखा बेचना अब होगा गैर-जमानती अपराध, अधिकतम 3 साल की होगी सजा

खबरें अभी तक। महाराष्ट्र में अब अगर गुटखा बेचा तो जेल में लंबे वक्त तक रहना पड़ सकता है। महाराष्ट्र सरकार ने विधान परिषद में कहा है कि कि राज्य में प्रतिबंधित गुटखा की बिक्री को गैर-जमानती अपराध की श्रेणी में रखा जाएगा। सरकार ने स्पष्ट किया है कि ऐसा करने पर तीन साल तक जेल की सजा को बढ़ाया जा सकता है।

हालांकि विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे ने प्रस्ताव के माध्यम से आरोप लगाया है कि गुटखा विरोधी कानून लागू होने के बावजूद सुगंधित तंबाकू मिश्रण की पड़ोसी राज्यों में तस्करी की जा रही है। एनसीपी नेता धनंजय मुंडे का कहना है कि खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) के भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से इसकी तस्करी होती है। उन्होंने इस मामले की सीआइडी जांच की मांग की है।

एनसीपी नेता ने आरोप लगाया कि आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) की जांच की मांग करते हैं। जवाब में एफडीए राज्य मंत्री मदन येरावार ने कहा कि गुटखा अन्य राज्यों में निर्मित होता है, जहां इसे प्रतिबंधित नहीं किया गया है। महाराष्ट्र एफडीए ने 2012-13 के दौरान 114.2 करोड़ रुपये के गुटखे को जब्त किया है। मुंडे ने कहा कि महाराष्ट्र में बड़ी संख्या में युवाओं की मौत गुटखा का सेवन करने से होती है।

एफडीए मंत्री गिरीश बापट ने कहा कि वर्तमान में प्रतिबंधित गुटखा की बिक्री करने वालों को अधिकतम छह महीने तक जेल की सजा का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर सरकार ने पुलिस महानिदेशक और कानून व न्यायपालिका विभाग के साथ चर्चा की है और अब इस अपराध को गैर जमानती कर दिया जाएगा। मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने इसकी अनुमति दे दी है। गुटखा विरोधी कानून में संशोधन किए जाने के बाद दोषी पाए जाने वालों को तीन साल की जेल की सजा का सामना करना होगा। बापट ने आश्वासन दिया है कि एफडीए का सतर्कता दल राज्य में गुटखा की अवैध बिक्री की जांच कर रहा है। अगर विपक्ष के नेता अब भी संतुष्ट नहीं है, तो सरकार मामले की सीआइडी जांच का आदेश भी देने को तैयार है।