1 अप्रैल से बदल रहे हैं ये नियम, जानिए आपकी जेब पर क्या होगा असर?

खबरें अभी तक। 1 अप्रैल से टैक्स में कुछ बदलाव होने वाले हैं. ये बदलाव क्या हैं और इसका आपकी जेब पर क्या असर होगा, यह हम नीचे बता रहे हैं. 1 अप्रैल 2018 से टैक्स के इन 5 नियमों में बदलाव हुआ है.

हेल्थ एवं एजुकेशन सेस

इस साल बजट में टैक्स स्लैब या टैक्स रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ है. लेकिन सरकार ने हेल्थ और एजुकेशन सेस बढ़ा दिया है, जिससे आपकी टैक्स देनदारी बढ़ जाएगी. अभी तक एजुकेशन, सेकेंडरी और हायर एजुकेशन सेस 3 फीसदी था. अब हेल्थ और एजुकेशन सेस बढ़कर 4 फीसदी हो गया है.

स्टैंडर्ड डिडक्शन की वापसी

अभी तक सैलरी क्लास के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन की सुविधा नहीं थी. हालांकि इसकी जगह ट्रांसपोर्ट अलाउंस और मेडिकल बिल के रीइम्बर्समेंट की सहूलियत जरूर मिलती थी. इस साल बजट में 40,000 रुपए के स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा मिलने लगा है. पिछले साल तक मेडिकल रीइंबर्समेंट के तौर पर 15,000 रुपए और ट्रांसपोर्टेशन अलाउंस के लिए 19,200 रुपए मिल रहे थे. इस हिसाब से आपको 5800 रुपए का फायदा होगा.

सीनियर सिटिजन को ज्यादा टैक्स छूट

अभी सीनियर सिटिजन को 10,000 रुपए तक के ब्याज पर टैक्स छूट मिलता था. बैंक, को-ऑपरेटिव सोसायटी और पोस्ट ऑफिस में मिलने वाले ब्याज पर यह बुजर्गों को यह फायदा मिलता है. सरकार ने इस साल के बजट में इसे बढ़ाकर 50,000 रुपए कर दिया है. हालांकि इसके अलावा 80TTA के तहत सेविंग्स एकाउंट के इंटरेस्ट इनकम पर अलग से कोई छूट नहीं मिलेगी.

लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स का बोझ

इस साल बजट ने एक साल के बाद शेयर बेचने पर 10 फीसदी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लेने का ऐलान किया था. इस प्रस्ताव के तहत एक साल में अगर 1 लाख रुपए से ज्यादा कैपिटल गेन होता है तो अतिरिक्त रकम पर 10 फीसदी के हिसाब से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स चुकाना पड़ेगा.

सीनियर सिटिजंस के इलाज पर छूट बढ़ी

मौजूदा प्रावधान के तहत कैंसर या एड्स जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए डिडक्शन मिलता है. सीनियर सिटिजन के लिए अभी यह सीमा 60,000 रुपए और वेरी सीनियर सिटीजन के लिए 80,000 रुपए है. सरकार ने इस बार बजट में इसे बढ़ाकर दोनों कैटेगरी के लिए एक समान 1 लाख रुपए कर दिया है.