श्रीलंका आपातकाल: पीएम ने कहा, सख्त कार्रवाई करने से नहीं चूकेंगे

खबरें अभी तक। श्रीलंका में सांप्रदायिक हिंसा बढ़ने के बाद 10 दिनों के लिए इमरजेंसी का ऐलान कर दिया गया है. 2011 के बाद पहली बार वहां इमरजेंसी लगाई गई है. अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, कांडी जिले में अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ हिंसा बढ़ने के बाद सरकार ने वहां आपातकाल लगाने का फैसला किया है. श्रीलंका के पीएम रानिल विक्रमसिंघे ने कहा है कि दंगा फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, सोमवार को बौद्ध धर्म मानने वाले एक वयक्ति ने एक मुस्लिम शख्स की हत्या कर दी. इसके बाद वहां कर्फ्यू लगाना पड़ा. इस मामले की जानकारी देते हुए स्थानीय पुलिस ने सोमवार को बताया था कि शनिवार-रविवार को कांडी में हिंसा और दंगों की कुछ घटनाएं हुईं, जो धीरे-धीरे देश के कई इलाकों में फैल गईं.

कौन है जिम्मेदार?

बौद्ध संगठन बोदू बाला सेना (BBS) को हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. पिछले एक साल से बौद्ध और मुस्लिम संप्रदायों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. बौद्ध संप्रदायों के कुछ कट्टर लोगों का आरोप है कि मुस्लिम समुदाय बौद्ध धर्म के पुरातात्विक स्मारकों को तोड़ रहे हैं और जबरन मुसलमान बना रहे हैं. इससे पहले फरवरी 2018 में भी बौद्ध और मुस्लिमों के बीच संघर्ष में पांच लोग घायल हो गए थे. इस दौरान एक मस्जिद को भी नुकसान पहुंचाया गया था.

कोलंबो में भारतीय क्रिकेट टीम

भारतीय क्रिकेट टीम फिलहाल कोलंबो में निदहास ट्रॉफी टी20 त्रिकोणीय सीरीज के लिए मौजूद हैं. बीसीसीआई ने कहा है, श्रीलंका में कर्फ्यू और इमरजेंसी को लेकर कई खबरें आ रही हैं. तनाव का माहौल कैंडी में है, कोलंबो में नहीं. संबंधित सुरक्षा अधिकारियों से बात करने के बाद हमारा मानना है कि हालात बिल्कुल सामान्य हैं.

इमरजेंसी बढ़ाने पर प्रेसिडेंट लेंगे फैसला

प्रेसिडेंट मैत्रिपाला श्रीसेना और कैबिनेट ने मंगलवार को कांडी जिले में 10 दिनों के लिए इमरजेंसी लगाने का फैसला किया है. यह जानकारी सोशल एंपावरमेंट मिनिस्टर एसबी दिशानायक ने दी. प्रेसिडेंट सेक्रेटेरियट के बाहर उन्होंने पत्रकारों को बताया कि सरकार इस मामले में एक गैजेट जारी करने वाली है.

डेली मेल के मुताबिक, श्रीलंका के प्रेसिडेंट ने कहा, ‘ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं कि तनाव पर काबू पाने के लिए कानून को सही ढंग से लागू नहीं किया गया है. अब पुलिस और सेना को सुरक्षा के लिहाज से इलाके में भेज दिया गया है.’

पहले कहां हुई थी हिंसा?

जून 2014 में कम से कम 40 लोग घायल हुए थे. इस दौरान बौद्ध समूह बोदु बाला सेना (बीएसएस) के लोगों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए दुकानों और मस्जिदों को नुकसान पहुंचाया था.