ड्राइविंग सीट पर आने के लिए बेताब हैं सऊदी अरब की महिलाएं

खबरें अभी तक। महिलाओं के लिए कार की ड्राइविंग पर लगी दशकों पुरानी पाबंदी हटाने सऊदी अरब शासन के फैसले से पूरे देश में जबरदस्त उत्साह है और ज्यादातर महिलाएं ड्राइविंग सीट पर बैठने की बेसब्री से प्रतीक्षा कर रही हैं। उन्हें लगता है कि यह कदम उनके जीवन में बड़ा बदलाव लाएगा।

सऊदी अरब शासन की नीति में इस बड़े बदलाव की शुरुआत पिछले साल सितंबर में हुई थी जब सऊदी किंग सलमान बिल अब्दुल्ला अल साद ने इस आशय का ऐतिहासिक आदेश जारी किया था। इस साल जून से जब महिलाओं के लिए कार की ड्राइविंग के लिए दरवाजे पूरी तरह खुल जाएंगे तो बदलाव की यह पहल अपने अंजाम तक पहुंच जाएगी।

उम्मीद की एक नई किरण-

एक युवा फ्रीलांस ट्रांसलेटर वाद इब्राहीम कहती हैं कि यह एक ऐतिहासिक कदम है और इसने हमारे जीवन में उम्मीद की एक नई किरण भरने का काम किया है। हमें आजादी का अनुभव भी हो रहा है और अपने सशक्त होने का भी। सऊदी अरब में महिलाओं की आबादी कुल जनसंख्या का 45 प्रतिशत है। वाद के मुताबिक एक युवा सऊदी महिला के रूप में मैं बहुत खुश हूं और इस बदलाव की उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रही हूं। मुझे भरोसा है कि देश की बाकी महिलाएं भी ऐसा ही सोचती होंगी। वाद ने पहले रियाद अंतरराष्ट्रीय मानवता फोरम में हिस्सा लिया है, जो पिछले सप्ताह ही आयोजित हुआ।

रोजगार के नए अवसरों का सृजन होगा-

माना जा रहा है कि महिलाओं को कार की ड्राइविंग की छूट देने के सऊदी अरब शासन के फैसले से परिवारों का खर्च भी घटेगा और इससे रोजगार के नए अवसरों का भी सृजन होगा। इसका मतलब है कि इस कदम से देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। वाद के मुताबिक सऊदी अरब बदल रहा है। पहले का समाज इस तरह के फैसले को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं था, लेकिन हमने इसे स्वीकार किया और अब हम किसी भी बदलाव के लिए ज्यादा खुल गए हैं।