वैज्ञानिकों की चेतावनी, 2100 तक दो गुना बढ़ सकता है समुद्री स्तर, तटीय शहरों के लिए खतरा

खबरें अभी तक। वर्तमान में जलवायु परिवर्तन वैश्विक स्तर पर एक बड़ी समस्या बना हुआ है। इसके कुछ घातक परिणाम अभी देखे जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ वैज्ञानिक भविष्य में इनके बुरे परिणामों के बढ़ने की आशंका जता रहे हैं। इस संबंध में किए गए एक अध्ययन के बाद वैज्ञानिकों ने जलवायु परिवर्तन के कारण विकट स्थिति पैदा होने की चेतावनी दी है।

नासा द्वारा किए अध्ययन में सामने आया है कि जलवायु परिवर्तन के परिणामस्वरूप समुद्र का स्तर वर्ष 2100 तक दो गुना बढ़ सकता है। यह वृद्धि अभी तक लगाए गए पूर्वानुमान से अधिक है। नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज नामक जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, अगले 80 सालों में समुद्र के स्तर में 65 सेंटीमीटर तक बढ़ोतरी हो सकती है, जो कि तटीय शहरों में महत्वपूर्ण समस्याओं का कारण बन सकती है।v

नासा सागर स्तर परिवर्तन टीम का नेतृत्व कर रहे कोलोराडो-बोल्डर यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर स्टीव नेरेम के मुताबिक, यह लगभग निश्चित रूप से एक रूढ़िवादी अनुमान है, जो इस अध्ययन को प्रेरित करता था। यह वृद्धि मुख्य रूप से ग्रीनलैंड और अंटार्कटिका में बर्फ पिघलने से होगी। यह निष्कर्ष नासा और यूरोपीय उपग्रह डेटा के 25 वषों पर आधारित है।

बकौल स्टीव, हमारे अनुमान के मुताबिक, भविष्य में समुद्र के स्तर में बदलाव जारी रहेगा क्योंकि पिछले 25 सालों से यह बढ़ रहा है। स्टीव के मुताबिक, पृथ्वी के वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसों से वायु और पानी के तापमान में वृद्धि होती है, जो समुद्र के स्तर को दो तरीकों से बढ़ने का कारण बनता है। सबसे पहले, गर्म पानी फैलता है। इसके चलते महासागर के इस थर्मल विस्तार ने पिछले 25 वषों में वैश्विक औसत समुद्र के स्तर में वृद्धि के सात सेंटीमीटर का योगदान दिया है। दूसरा, भूमि की बर्फ पिघलने से पानी समुद्र में बहता है, जो दुनिया भर में समुद्र के स्तर को भी बढ़ाता है। उपग्रह से मिली तस्वीरों और डाटा के आधार पर पता चला है कि 1990 के दशक में प्रति वर्ष लगभग 2.5 मिलीमीटर की वृद्धि दर से बढ़कर प्रति वर्ष 3.4 मिलीमीटर प्रति वर्ष हो गई है।