सरकार ने बनाया प्लान, विदेश में बैठे डिफॉल्टर्स से ऐसे वापस मिलेगा पैसा!

खबरें अभी तक। बैंकों को हजारों करोड़ों का चूना लगाकर फरार चल रहे नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और विजय माल्या जैसे भगोड़ों से निपटने के लिए सरकार ने प्लान बनाया है. सरकार ने पीएनबी घोटाले से सबक लेते हुए दूसरे डिफॉल्टर्स पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है. गुरुवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में इस पर चर्चा हो सकती है. सूत्रों की मानें तो जिन लोगों पर 100 करोड़ से ज्यादा का कर्ज है और वह देश से बाहर हैं तो ऐसे लोगों की संपत्ति कुर्क की जाएगी. पीएनबी बैंक घोटाला सामने आने के बाद सरकार ऐसे मामलों में लापरवाही नहीं बरतना चाहती.

बन सकता है नया कानून
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, डिफॉल्टर्स के खिलाफ एक्शन लेने के लिए सरकार और कड़े कानून बनाने पर विचार कर रही है. ऐसा भी संभव है कि सरकार नया कानून लाए. सूत्रों की मानें तो अभी नियमों को लेकर जो मसौदा तैयार है, उसे अंतिम रूप नहीं दिया गया है. सरकार इस मामले में दूसरे पहलुओं पर भी विचार कर रही है. गुरुवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में दूसरे पहलुओं पर भी चर्चा हो सकती है.

चार्टर्ड अकाउंटेंट्स पर भी नजर
कैबिनेट की बैठक में चार्टर्ड अकाउंटेंट को रेग्यूलेट करने के प्रस्ताव पर भी चर्चा हो सकती है. बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक के एजेंडे में चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया (ICAI) के कामकाज पर निगरानी रखने के लिए एक नई संस्था नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी (NFRA) का गठन भी शामिल था. हालांकि, बुधवार को इस पर कोई फैसला नहीं हो सका. आज एक बार फिर कैबिनेट इस विषय पर चर्चा होगी. पंजाब नेशनल बैंक में 12,700 करोड़ रुपए का घोटाला सामने आने के बाद सरकार चार्टर्ड अकाउंटेंट की निगरानी को लेकर गंभीर है.

नहीं दे रहे जांच में सहयोग
पीएनबी घोटाला सामने आने के बाद सरकार ने धोखाधड़ी और जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों का पता लगाने के लिए बैंकों को निर्देश जारी किए हैं. सरकार ने बैंकों से 50 करोड़ रुपए से अधिक के सभी एनपीए खातों की जांच करने को कहा है. विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी देश से बाहर निकलने के बाद जांच एजेंसियों को अपने खिलाफ जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं.

छोटे खिलाड़ियों पर भी नजर
सरकार की नजर बड़े डिफॉल्टर्स के साथ-साथ छोटे खिलाड़ियों पर भी है. घोटालों में ऐसे ही कुछ और डिफॉल्टर्स के होने का भी अंदेशा है. हाल ही में दिल्ली के करोल बाग के दास सेठ इंटरनेशनल का नाम भी सामने आया है. इसके प्रमोटर्स भी लोन चुकाए बिना देश से बाहर हैं. सीबीआई ने दिल्ली के एक ज्वैलर के खिलाफ भी 390 करोड़ का लोन नहीं चुकाने का मामला दर्ज किया है. इस ज्वैलर ने ऑरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स से यह लोन लिया था.