तापी गैस पाइप लाइन के अफगानी हिस्से की रखी गई आधारशिला

खबरें अभी तक। तुर्कमेनिस्तान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और भारत ने शुक्रवार को एक समारोह में ‘तापी’ गैस पाइप लाइन के अफगानिस्तान वाले हिस्से की आधारशिला रखी। तुर्कमेनिस्तान से भारत तक की अरबों रुपये की इस पाइप लाइन के जरिये दक्षिण एशिया की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी।

तुर्कमेनिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा पर आयोजित इस समारोह में अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ घानी, तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति गुरबेंगुली बेर्दीमुखामेदोव, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी और भारतीय विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर मौजूद थे।

इस मौके पर एमजे अकबर ने परियोजना की सराहना करते हुए कहा, ‘यह हमारे लक्ष्यों का प्रतीक और चारों देशों के बीच सहयोग का नया अध्याय है।’ वहीं अफगानी राष्ट्रपति अशरफ घानी ने कहा, ‘यह पाइप लाइन देशों को एकजुट करेगी। हालांकि इसके खिलाफ कुछ आवाज उठीं थीं, लेकिन आज हम तापी गैस पाइप लाइन निर्माण के गवाह बन रहे हैं।’ तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति गुरबेंगुली बेर्दीमुखामेदोव ने बताया कि उनके देश में पाइप लाइन के निर्माण का काम जोर-शोर से जारी है।

बता दें कि 1,840 किमी लंबी इस पाइप लाइन के निर्माण का कार्य 2020 में पूरा होने और इसी साल इसके जरिये गैस आपूर्ति शुरू होने की संभावना है। इसके जरिये सालाना करीब 33 अरब क्यूबिक मीटर गैस की आपूर्ति की जाएगी। मालूम हो कि तुर्कमेनिस्तान में दुनिया का चौथा सबसे बड़ा गैस का भंडार है। कभी रूस का हिस्सा रहा तुर्कमेनिस्तान फिलहाल अपनी प्राकृतिक गैस के निर्यात के लिए काफी हद तक चीन पर निर्भर है।