बाघों के कॉरिडोर पर नक्सली लगा रहे सेंध

खबरें अभी तक। बाघों के कॉरिडोर पर नक्सली सेंध लगा रहे हैं। दरअसल, मध्य प्रदेश स्थित कान्हा नेशनल पार्क के रास्ते बाघों के कॉरीडोर से नक्सली अपना कॉरिडोर तैयार कर रहे हैं। पार्क के संरक्षित क्षेत्र में इनकी मौजूदगी से न केवल टूरिस्टों के लिए खतरा बढ़ रहा है, बल्कि बाघों के जीवन पर भी संकट गहरा रहा है।

कोर एरिया में इनकी मौजूदगी को लेकर पार्क प्रबंधन इन्कार कर रहा है, लेकिन इनके रूट मैप में कान्हा का जंगल भी शामिल है। कान्हा पार्क के गढ़ी रेंज से लगे घने जंगलों में बसे गांवों से मंडला के रास्ते, उमरिया, अनूपपुर, शहडोल से सिंगरौली तक नक्सलियों ने नया रूट मैप तैयार किया है। इन इलाकों में नक्सली फोर्स की कमी का फायदा उठा रहे हैं।

तोड़ रहे पुलिस का सोशल नेटवर्क-

जंगल में बसे दूरस्थ गांवों में नक्सली पुलिस का सोशल नेटवर्क तोड़कर अपना संजाल बढ़ा रहे हैं। एक साल से सक्रिय विस्तार दलम ने यहां अब तक किसी बड़ी वारदात को अंजाम नहीं दिया है। लेकिन मोती नाला में जब उनका वन कर्मियों से पहली बार सामना हुआ तो दहशत फैलाने में कोई कसर छोड़ी।

विस्तार दलम को स्पेशल ट्रेनिंग-

90 के दशक के बाद नक्सलियों ने मध्य प्रदेश में फिर अपनी ताकत बढ़ाने के लिए सदस्यों की संख्या में इजाफा शुरू कर दिया है। इसके लिए नक्सलियों ने दलम का विस्तार किया है। विस्तार दलम के लिए दो नई प्लाटून बनाई है।

सेंट्रल कमेटी ने छत्तीसगढ़ के कबीरधाम से तैयार प्लाटून-2 और प्लाटून -3 को बालाघाट के सीमावर्ती इलाके से लगे मंडलाडिंडौरी, अनूपपुर व उमरिया जिले में सक्रिय किया है। मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ के बॉर्डर एरिया में गौरिल्ला ट्रैनिंग देकर सेंट्रल कमेटी ने दोनों प्लाटूनों को जंगल में उतार दिया है।