मजदूर पिता का अपमान हुआ, बेटों ने खड़ी कर दी खुद की कूलर फैक्ट्री

खबरें अभी तक। जिंदगी में मान-अपमान के पलों से सबको गुजरना पड़ता है, लेकिन उससे जो सीख लेता है, वह आगे बढ़ता है, तरक्की करता है। ऐसी ही एक दास्तां है शहर के टिकरापारा निवासी मोहनलाल साहू की। मोहन पेशे से नौकर थे और इनके तीन बेटे हैं। 9 लोगों के परिवार को चलाना मोहन की जिम्मेदारी थी। मोहन और उनके बेटे शहर की एक दुकान में कूलर निर्माण का काम करते थे, लेकिन एक दिन पिता से कूलर निर्माण में छोटी-सी गलती हो गई, जिसकी वजह से पिता को बेटों के सामने डांट पड़ी।

पिता को अपमानित होते देख बेटे काफी दुखी हुए। हालात मजबूरी भरे थे, कुछ कर पाना उनके लिए मुश्किल था। मोहन का बड़ा और सबसे छोटा बेटा ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं है, लेकिन बीच वाला बेटा रोहित पीजीडीसीए की पढ़ाई कर चुका है।

रोहित से पिता का यह अपमान सहा नहीं गया और उसने अपना काम करने की ठान ली। पिछले दो महीने पहले ही उसने वहीं कूलर निर्माण का कार्य शुरू किया, जिसकी वजह से पिता का अपमान हुआ था। आज बाप-बेटे सब मिलकर अपना काम कूलर निर्माण कर रहे हैं।