स्वच्छ शहर के मामले में इंदौर ने मारी बाजी, सीखें इससे कैसे बनता है कोई शहर कचरामुक्त

महज डेढ़ साल में इंदौर ने देश का सर्वश्रेष्ठ, अत्याधुनिक व सुव्यवस्थित ट्रेंचिंग ग्राउंड विकसित कर दिखाया, जो अन्य शहरों के लिए अनुकरणीय उदाहरण है। पिछले साल देश के सबसे स्वच्छ शहर का ताज पाने वाले इंदौर के नाम हाल ही एक उपलब्धि और जुड़ गई, जब उसके ट्रेंचिंग ग्राउंड (जहां कचरा एकत्र किया जाता है) को पर्यावरणीय सुरक्षा पैमानों पर खरा उतरने, गुणवत्ता प्रबंधन और स्वास्थ्य व सुरक्षा प्रबंधों के लिए तीन आइएसओ (इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन फॉर स्टेंडर्डाइजेशन) प्रमाण पत्र मिले। इस मामले में यह देश का पहला ट्रेंचिंग ग्राउंड बन गया है।

इन पांच इंतजामों ने बनाया नंबर एक शहर के पास देवगुराड़िया इलाके में 146 एकड़ में फैले ग्राउंड पर गत डेढ़ साल के भीतर पांच बड़े इंतजाम किए गए। जिनके बूते शहर से हर दिन निकलने वाले करीब 1100 टन कचरे का प्रबंधन बेहतर तरीके से किया जा रहा है।

आधारभूत सुविधाओं को व्यवस्थित किया गया: सबसे पहले ट्रेंचिंग ग्राउंड की आधारभूत सुविधाओं जैसे प्लांट, मशीनरी, सड़क और बिल्डिंग आदि को व्यवस्थित किया गया। पहले सूखा कचरा गीले कचरे में मिलकर आता था। सूखे कचरे के कागज, रद्दी, गीले कचरे की नमी को सोख लेते थे, जिससे सूखा कचरा भारी हो जाता था और उसे बेचना मुश्किल हो जाता था। अब यह समस्या खत्म हो गई है। इसके अलावा शहर से निकलने वाले मलबे और वेस्ट मटेरियल से ईंट-पेवर ब्लॉक बनाने का प्लांट भी करीब ढाई करोड़ की लागत से स्थापित किया गया है।