कनाडा की कोर्ट ने क्यूबेक नेशनल असेंबली द्वारा कृपाण पर रोक को बरकरार रखा

कनाडा की कोर्ट ने क्यूबेक नेशनल असेंबली द्वारा कृपाण पर लगाई गई रोक को बरकरार रखा है। सिख धर्म के अनुयायियों के लिए कृपाण रखना अनिवार्य है। कनाडा के व‌र्ल्ड सिख संगठन के दो सदस्यों ने फरवरी 2011 में नेशनल असेंबली द्वारा ध्वनिमत से पारित प्रस्ताव को चुनौती दी थी। बलप्रीत सिंह और हरमिंदर कौर ने भवन में प्रवेश करते समय कृपाण हटाने से मना कर दिया था। जनवरी 2011 में दोनों विधायी सुनवाई में शामिल होने जा रहे थे।

असेंबली के प्रस्ताव में कहा गया है कि सुरक्षाकर्मियों के पास ऐसे लोगों को रोकने का अधिकार है जो धार्मिक चिह्न हटाने के लिए तैयार नहीं है। पहले प्रस्ताव को असंवैधानिक कहा गया था। बाद में उन्होंने इसे वैधानिक, लेकिन बाध्यकारी नहीं कहा।

क्यूबेक कोर्ट ऑफ अपील के जस्टिस पैट्रिक हेले ने सोमवार को सुनाए गए अपने फैसले में दलील ठुकरा दी। न्यायाधीश ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा। निचली अदालत ने कहा था कि नेशनल असेंबली के पास संसदीय विशेषाधिकार के अनुसार अपनी व्यवस्था देने का अधिकार है।