गौरवशाली रहा है पीएनबी का इतिहास, नीरव मोदी ने किया धूमिल

खबरें अभी तक। पीएनबी या पंजाब नेशनल बैंक का नाम कभी बड़ी हस्तियों से जुड़ा था। इनमें लाला लाजपत राय, जवाहर लाल नेहरू, महात्‍मा गांधी, इंदिरा गांधी का नाम शामिल था। इस बैंक की अपनी एक साख थी जो कभी देश के स्‍वतंत्रता सेनानियों से बनी थी। उन्‍होंने ही इसको एक पहचान दी थी। इस बैंक में खाता खुलवाना सम्‍मान की बात समझी जाती थी। पंजाब केसरी के नाम से मशहूर लाला लाजपत राय ने इसमें अपना पहला अकाउंट खुलवाया था। वह इसके पहले ग्राहक थे।

लाहौर में खुली थी बैंक की पहली ब्रांच-
1894 में स्‍वदेशी आंदोलन के नेताओं ने इसकी शुरुआत की थी। इस बैंक की स्‍थापना करने वालों में सरदार दयाल सिंह मजीठिया, लाला हरकिशन लाल, लाला लाल चंद और लाला ढोलन दास थे। 12 अप्रेल 1895 को इस बैंक की पहली ब्रांच लाहौर के आर्य समाज मंदिर में खुली थी जिसके पहले ब्रांच मैनेजर भी लाला लाजपत राय के भाई ही थे। इसके पांच वर्षों के अंदर बैंक ने इसका विस्‍तार सिंध और नॉर्थ वेस्‍ट फ्रंटियर प्रॉविंस में किया। हालांकि इससे पहले अवध कमर्शियल बैंक भी हुआ करता था जो 1881 में शुरू हुआ था। यह बैंक 1958 में बंद हो गया। इन सभी के बावजूद पीएनबी ही देश का पहला स्‍वदेशी बैंक था.

बर्मा तक खुली बैंक की ब्रांच-
समय बीतने के साथ बैंक ने अपना विस्‍तार देश के दूसरे राज्यों में भी किया और बर्मा में भी अपनी एक शाखा खोली। ये बैंक कभी पंजाबियों की शान हुआ करता था। 1943 में जब इसकी कमान लाला योद्ध राज के हाथों में आई थी तो वह दौर भारत और पंजाब के लिए काफी मुश्किलों भरा था। इसकी वजह ये थी कि दूसरे विश्‍व युद्ध में काफी संख्‍या में पंजाबी लड़ रहे थे और भारत का स्‍वतंत्रता आंदोलन भी काफी मुश्किल दौर से गुजर रहा था।