खबरें अभी तक। किसानों के बाद अब कर्मचारी सरकार की मुश्किलें बढ़ाने जा रहे हैं। मांगों को लेकर अलग-अलग आंदोलन करते रहे विभिन्न महकमों के कर्मचारी अब एकजुट होकर मैदान में उतरेंगे। सर्व कर्मचारी संघ के बैनर तले 26 फरवरी को खंड स्तर पर प्रदर्शन के साथ आंदोलन की शुरुआत होगी। इसके बाद 14 से 20 मार्च तक कर्मचारी सभी मंत्रियों के आवासों पर प्रदर्शन करेंगे और फिर 21 से 27 मार्च तक डीसी कार्यालयों पर डेरा डाला जाएगा।
रोहतक में हुई संघ की राज्य कार्यकारिणी में आंदोलन की पूरी योजना को अमलीजामा पहनाया गया। सरकार पर वादाखिलाफी व जनसेवाओं का निजीकरण करने का आरोप लगाते हुए संघ के प्रधान धर्मबीर सिंह फौगाट व महासचिव सुभाष लांबा ने कहा कि सरकारी विभागों के निजीकरण के विरोध में आमजन को भी कर्मचारियों की लड़ाई में शामिल किया जाएगा।
लांबा ने बताया कि आंदोलन में सभी सरकारी व अर्धसरकारी विभागों, बोर्ड-निगमों, नगर निगम, विश्वविद्यालयों, पालिकाओं, पंचायती राज संस्थाओं और सहकारी समितियों में कार्यरत कच्चे व पक्के कर्मचारी शामिल होंगे। कामकाजी महिला उप समिति की संयोजक सबिता ने बताया की महिला कर्मचारियों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आठ मार्च को सभी जिलों मे महिला सम्मेलन किए जाएंगे।