मधुबाला के बारें में इन बातों के सुन कर आप भी हो जाएंगे हैरान

बॉलीवुड एक्ट्रैस मधुबाला की 14 फरवरी को 85वीं बर्थ एनिवर्सरी थी। मधुबाला एक एेसी एक्ट्रैस थी जिसने हॉलीवुड में तहलका मचा रखा था। ये बात 1950 से भी पहले की है। मधुबाला को अमेरिकी पत्रिका थिएटर आर्ट्स ने इनवाइट किया था। इस मैगजीन में मधुबाला पर फुल पेज आर्टिकल निकला था। आर्टिकल का टाइटल था- ‘The Biggest Star in the World’। इस आर्टिकल में भारत में मधुबाला की पॉपुलैरिटी के बारे में बताया गया था।

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इस सुपरस्टार की जिंदगी रहस्यों से भरी हुई थी। मधुबाला का जन्म प्यार के दिन यानी वैलेंटाइन्स डे पर 1933 को हुआ था। मधुबाला एक पठान परिवार से ताल्लुक रखती थीं। मधु के पिता उनके लिए बहुत सख्त थे। उनका असली नाम मुमताज जहां बेगम था। मधु 11 भाई-बहनों में से पांचवें नंबर की थीं। जब मधुबाला छोटी थीं तब उनकी एक रिश्तेदार नजूमी ने भविष्यवाणी करते हुए कहा था कि ये लड़की बहुत नाम, बहुत पैसा और बहुत शोहरत कमाएगी लेकिन इसकी जिंदगी में कभी खुशियां नहीं आएंगी। उनको कभी सच्चा प्यार नहीं मिलेगा।

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साथ ही उन्होंने मधु की कम उम्र में मौत होने की भविष्यवाणी भी कर दी थी। आगे चलकर ये सारी भविष्यवाणियां सच साबित हुईं। मधु इतनी खूबसूरत थीं कि उनका चेहरा खिले हुए फूल की तरह दिखता था। उन्हें जो भी देखता था बस दीवाना हो जाता था। मधुबाला की तुलना हॉलीवुड हीरोइन मार्लिन मुनरो से की जाती है। वो जिस भी डायरैक्टर या हीरो के साथ काम करती थीं उन्हें उससे प्यार हो जाता था।

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मधुबाला को जो पसंद आता था उसे वो गुलाब और लव लेटर देकर प्रपोज कर देती थीं लेकिन उन्हें कभी मुकम्मल मोहब्बत नहीं मिली। एक तरफ सफलता उनके कदम चूमने को तैयार थी तो दूसरी ओर गंभीर बीमारियां काल बनकर उनके साथ चल रही थीं। मधुबाला को इस काल का अहसास भी नहीं था। मधुबाला ने 1942 में फिल्म ‘बसंत’ से बतौर चाइल्ड एक्टर अपना करियर शुरू किया था। 10 साल बाद 1952 में फिल्म ‘बहुत दिन हुए’ की शूटिंग के दौरान उन्हें पता चला कि उनके दिल में छेद है। इस बीमारी को लेकर मधुबाला काम करती रहीं। मधुबाला को एक दो नहीं बल्कि कई गंभीर बीमारियां थीं। जिसके चलते मधुबाला का करियर ही नहीं बल्कि उनकी जिंदगी ही खत्म हो गई। दिल में छेद होने के साथ उनके फेफड़ों में भी परेशानी थी। इसके अलावा उन्हें एक और गंभीर बीमारी थी जिसमें उनके शरीर में ज्यादा मात्रा से खून बनने लगता था और ये खून उनकी नाक और मुंह से बाहर आता था। ये खून तब तक निकलता रहता जब तक कि उसे शरीर से ना निकाल लिया जाए।

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इस बात की जानकारी मधुबाला की बहन ने एक इंटरव्यू के दौरान दी थी। मधुबाला तड़पती रहतीं और दर्द कम होने का नाम ही नहीं लेता था। हालत इतनी खराब थी कि डॉक्टर रोज घर आते और मधुबाला के शरीर से कई बोतल खून निकालकर ले जाते ताकि खून निकलना बंद हो जाए। दिनों दिन मधुबाला की हालत गिरती जा रही थी। हर वक्त वो खांसती रहतीं। एक वक्त ऐसा भी आया जब मधुबाला का सांस लेना दूभर हो गया और हर चार घंटे में उन्हें ऑक्सीजन देनी पड़ती थी। मधुबाला को उनकी बीमारियों ने इस कदर जकड़ लिया था कि 9 सालों तक वो बिस्तर पर ही पड़ी रहीं। मधुबाला अपने आखिरी दिनों में सिर्फ हड्डियों का ढांचा भर रह गई थी। मधुबाला की मौत बेहद दर्दनाक थी। आखिरी दिनों में उनके पति किशोर कुमार ने भी उन्हें छोड़ दिया था। वो महीने में एक बार आकर उनसे मिलने जाते थे। किशोर कुमार पर मधु को मारने का भी आरोप लगा था।