अमेरिकी शोधकर्ताओं ने खोजा, पृथ्‍वी से डायनोसोर की विलुप्ति का कारण

खबरें अभी तक। मेक्सिको में 6.6 करोड़ वर्ष पूर्व एक उल्का पिंड के टकराने से पृथ्वी पर मौजूद डायनोसोर विलुप्त होने लगे थे। इस उल्कापिंड की टक्कर ने भारत के पश्चिमी-मध्य क्षेत्र में ज्वालामुखी में विस्फोट की प्रक्रिया को और तेज कर दिया था। इस प्रक्रिया से निकले लावा से भारत के दक्कन ट्रैप का निर्माण हुआ, जो लावा से निर्मित हुआ दुनिया का सबसे बड़ा क्षेत्र है।

अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ ओरेजन के शोधकर्ताओं का कहना है कि इस घटना के बाद दुनियाभर के ज्वालामुखी में हो रही प्रक्रिया ने तेजी पकड़ी। डायनोसोर की विलुप्ति और दक्कन ट्रैप के बीच संबंध को लेकर वर्षों तक विवाद रहा है। पहली बार 1980 में उल्का पिंड के पृथ्वी से टकराने की घटना का पता चला था। वैज्ञानिक तभी से डायनोसोर की विलुप्ति का कारण जानने में जुटे थे।

साइंस एडवांसेज जर्नल में छपे शोध के अनुसार उल्कापिंड के टकराने से पूर्व दक्कन ट्रैप में ज्वालामुखी विस्फोट हो रहा था। इस टक्कर से भूकंपीय तरंगें उत्पन्न हुईं जो पूरी पृथ्वी पर फैल गईं। इसी कारण डायनोसोर की पूरी प्रजाति पृथ्वी से विलुप्त हो गई।

मालूम हो कि 2015 में बर्कले स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के शोधकर्ताओं ने पहली बार उल्कापिंड की टक्कर और ज्वालामुखी विस्फोट की घटनाओं के आपस में संबंध का दावा किया था।