अमृतपाल सिंह ने दिया एक और बड़ा बयान, जिसके बाद केंद्रीय एजेंसियां जांच में जुटी

ख़बरें अभी तक: अमृतपाल सिंह एक ऐसा नाम जो इस समय कफी चर्च में ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख ने अब एक और बड़ा बयान दे कर सबको चौंका दिया है। अमृतपाल का कहना है कि वह खुद को भारतीय नहीं मानता है. एक न्यूज एजेंसी को दिए साक्षात्कार में कहा कि भारतीय पासपोर्ट एक दस्तावेज है और इससे वह भारतीय नहीं बन जाता. इस पूरे घटनाक्रम के बाद अब केंद्रीय एजेंसियां जांच में जुटी हुई हैं.

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तो वही अमृतपाल सिंह ने बोला पंजाब भारत का अभिन्न अंग ही नहीं है. वह यहीं नहीं रुका उन्होंने कहा कि लाहौर और ननकाना साहिब के बिना पंजाब की तस्वीर नहीं बनती है. इससे पहले अमृतपाल ने कहा था कि वह अपने आपको भारतीय नहीं मानता है. एक न्यूज एजेंसी को दिए साक्षात्कार में अमृतपाल ने कहा था कि भारतीय पासपोर्ट एक दस्तावेज है और इससे वह भारतीय नहीं बन जाता.

केंद्र सरकार सतर्क

उधर अजनाला के घटनाक्रम के बाद केंद्र सरकार ‘वेट एंड वाच’ की नीति अपना रही है. एक आधिकारिक सूत्र के हवाले से एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि पंजाब का इतिहास सबकों से भरा पड़ा है. हम इंतजार कर रहे हैं और देख रहे हैं. कानून और व्यवस्था बनाए रखना अनिवार्य रूप से राज्य सरकार की जिम्मेदारी है. एक अन्य सूत्र के हवाले से दि ट्रिब्यून की रिपोर्ट में कहा है कि अमृतपाल सिंह को यूरोप के छोटे हिस्सों के अलावा ब्रिटेन और कनाडा में मौजूद कट्टरपंथी तत्वों से समर्थन मिल रहा है. एजेंसियां फंडिंग के रूट का पता लगा कर रही हैं. यह पता लगाने के लिए जांच चल रही है कि उसे कौन और किस तरह से फंडिंग कर रहा है.

अमृतपाल सिंह को अपना पासपोर्ट सरेंडर कर देना चाहिए

अमृतपाल सिंह के खुद को भारतीय न मानने के बयान पर पूर्व राजनयिक केसी सिंह ने कहा है कि कट्टरपंथी सिख उपदेशक और स्वयंभू अलगाववादी अमृतपाल सिंह को अपना पासपोर्ट सरेंडर कर देना चाहिए, क्योंकि अमृतपाल ने कहा था कि वह खुद को भारतीय नागरिक नहीं मानते हैं. सुनेहरा पंजाब पार्टी के प्रमुख केसी सिंह ने कहा कि अमृतपाल को शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) से एक स्टेटलेस व्यक्ति के रूप में अपनी पहचान प्राप्त करनी चाहिए क्योंकि ‘खालिस्तान केवल उनके दिमाग में मौजूद है.’