अलखपुरा गांव में 8 करोड़ की लागत से बनेगा फुटबॉल का एस्ट्रोटर्फ

खबरें अभी तक। अपने गांव को मिनी ब्राजील का नाम दिलाने वाली भिवानी के अलखपुरा गांव की बेटियों को खेल विभाग के निदेशक जगदीप सिंह ने गांव पहुंच कर नई सौगात दी है. खेल निदेशक जगदीप सिंह ने इस गांव में 8 करोड़ रुपये की लागत से फुटबॉल का एस्ट्रोटर्फ बनवाने, विदेशी तर्ज पर जिम बनाने की बात कही. साथ ही उन्होंने अपने विभाग की नई नीतियों का खुलासा करते हुए कहा कि जल्द ही खिलाड़ियों को फर्स्ट और सेकेंड क्लास की नौकरियां बिना कोई टेस्ट पास किए मिलेंगी.

बता दें कि अलखपुरा सूबे का पहला गांव है जहां हर बेटी 5 साल की उम्र में ही फुटबॉल खेलना शुरु कर देती हैं. ग्रामिणों के सहयोग तथा खेल विभाग की मदद से बेटियों ने ना केवल देश बल्कि विदेशों तक धूम मचाई है.

अंडर-14, 17 और 19 वर्ष आयुवर्ग के साथ सिनियर वर्ग की देश की एक भी फुटबॉल टीम नहीं होती जिसमें इस गांव की 4-5 बेटियां ना खेलती हों. अपने देश की टीम को जीताने में इस गांव की बेटियों की सबसे ज्यादा भागीदारी होती है. यही नहीं अकेले अलखपुरा गांव की टीम कई बार दिल्ली में होने वाले सुब्रतो कप पर भी कब्जा कर चुकी है.

इन बेटियों की इस उपलब्धी पर अलखपुरा गांव को मिनी ब्रााजील का नाम मिला है. बेटियों की मेहनत को देखते हुए खेल विभाग के निदेशक इस गांव में पहुंचे और बेटियों की मेहनत व ग्रामिणों के सहयोग की सरहाना करते हुए कई सौगातें दी. जगदीप सिंह ने कहा कि खेल विभाग यहां पहले ही 25 बेटियों की फुटबॉल नर्सरी चलाई जा रही है जिसमें हर बेटी को दो हजार रुपये मासिक भत्ता और एक लाख रुपये का सामान सालाना दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा अलखपुरा गांव में जल्द ही 8 करोङ रुपये की लागत से फुटबाल का एस्ट्रोटर्फ और लाखों रुपये की लागत से विश्व स्तर का जीम बनाया जाएगा.