ख़बरें अभी तक || भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने प्रचंड तबाही मचा रखी है। पहली लहर के मुकाबले कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने ज्यादा कहर बरपाया है। ऐसे में अब हर कोई ये जानना चाहता है कि आखिर कोरोना की दूसरी लहर कब तक थम जाएगी। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सरकार के मैथमेटिकल मॉडलिंग एक्सपर्ट प्रोफेसर एम. विद्यासागर का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर 7 मई को अपने पीक पर हो सकती है। उन्होंने कहा है कि देश के हेल्थ सेक्टर को इसके लिए पूरी तरह से तैयार रहने की जरूरत है।
एक इंटरव्यू के दौरान प्रो. विद्यासागर ने कहा, इस सप्ताह कोरोना अपने पीक पर आ सकता है। इसके बाद कोरोना के मामलों में गिरावट दर्ज की जाएगी। प्रो. विद्यासागर ने कहा कि 7 मई को कोरोना अपने पीक पर होगा। हालांकि उन्होंने कहा कि हर राज्य में स्थिति थोड़ी बदली हुई दिखाई दे सकती है। हर राज्य में कोरोना के पीक पर पहुंचने का समय भी थोड़ा अलग हो सकता है। लेकिन पूरे देश में जिस तरह से कोरोना के आंकड़े बढ़ रहे हैं उसे देखें तो कोराना की लहर या तो पीक पर है या इसके बेहद करीब है।
प्रो. विद्यासागर ने कोरोना के पीक और घटने के बारे में जो जानकारी दी है अगर वो सही है तो यह देश के लिए बड़ी राहत की बात साबित हो सकती है। दरअसल देश में कोरोना की दूसरी लहर काफी खतरनाक साबित हुई है। कोरोना के मरीजों की संख्या इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि अस्पतालों में न तो बेड हैं और न ही मरीजों को ऑक्सीजन की सप्लाई हो पा रही है।
प्रो. विद्यासागर ने कहा कोरोना की स्थिति को समझने के लिए औसतन सात दिन के समय में कोरोना की स्थिति को देखने की जरूरत है। हर दिन कोरोना के आंकड़े घटते बढ़ते रहते हैं। नतीजतन, हमें सिर्फ रॉ नंबर्स नहीं देखने चाहिए, बल्कि प्रतिदिन के मामलों के औसत पर भी गौर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैंने कोरोना के आंकड़ों पर जितना काम किया है उसे देखते हुए कह सकता हूं कि सप्ताह के अंत में इनमें गिरावट आने लगेगी।
मई के बाद कोई राज्य पीक पर नहीं होगा
प्रो. विद्यासागर ने कहा कि कोरोना का पीक हर राज्य में अलग अलग होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर महाराष्ट्र से शुरू हुई थी। ऐसे में कोरोना का पीक भी वहीं सबसे पहले आएगा और मरीजों की संख्या भी यहीं सबसे पहले कम होना शुरू होगी। महाराष्ट्र के साथ लगे राज्यों की स्थिति भी ऐसी ही होगी क्योंकि महाराष्ट्र के कारण यहां पर कोरोना के आंकड़े ज्यादा होंगे। जो राज्य महाराष्ट्र से दूर होंगे वो बहुत धीरे-धीरे पीक पर आएंगे और उनका डिक्लाइन भी स्लो होगा। प्रो. विद्यासागर ने कहा कि मई के बाद किसी राज्य के पीक पर होने की संभावना नहीं है।