ख़बरें अभी तक। आज हम आपको बता दें कि Crude Oil के घटते दाम का फायदा आम उपभोक्ताओं को उतना नहीं मिल पाएगा जितनी की उम्मीद की जा रही थी। इसके पीछे बात ये है कि सरकार ने Petrol-Diesel पर एक्साइज ड्यूटी 3 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी है। पेट्रोल के मामले में स्पेशल एक्साइज ड्यूटी 2 रुपये बढ़ाकर 8 रुपये कर दी जा चुकी है। वहीं डीजल की स्पेशल एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर 4 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है। आधिकारिक अधिसूचना में इस बात की जानकारी दी गई है। साथ ही पेट्रोल और डीजल प्रत्येक पर रोड सेस 1 रुपये प्रति लीटर बढ़ाकर 10 रुपये कर दिया गया है।
सामान्य मामले के मुताबिक एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने का परिणाम पेट्रोल और डीजल का महंगा होना होता है। लेकिन वैसे अंतरराष्टीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमतें घटने से एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोत्तरी का प्रभाव समायोजित हो जाएगा। इस बढ़ोत्तरी के बाद पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 19.98 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर 22.98 रुपये प्रति लीटर हो गई है। साथ ही डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 15.83 रुपये से बढ़कर 18.53 रुपये हो गई है। यह राज्य सरकारों द्वारा लगाए जाने वाले मूल्यवर्द्धित कर (VAT) के अतिरिक्त है।
बता दें कि क्रूड ऑयल की वैश्विक कीमतों में आई जबरदस्त गिरावट ने केंद्र सरकार के लिए राजस्व जुटाने का एक अप्रत्याशित जरिया खोल दिया है। आर्थिक सुस्ती के इस दौर में सरकार राजस्व जुटाने का के सभी संभव प्रयास में लगी है। पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में टैक्स की हिस्सेदारी काफी अहम है। 2014 के बाद सरकार पेट्रोल-डीजल पर कई बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ा चुकी है ताकि जनकल्याण योजनाओं के लिए पैसे एकत्रित किए जा सकें।