एक मां ने की दरिंदगी की हद पार, 4 घंटे तक काटती रही बेटी की गर्दन

खबरें अभी तक। सौतेली बेटी को लेकर मीनू कौर के दिल में कितनी नफरत थी, इसका अंदाजा कत्ल को अंजाम देने के तरीके से लगाया जा सकता था। घटना वाली रात 6 फरवरी को रात करीब 10 बजे मीनू का प्राप्ति से झगड़ा हुआ। इसके बाद वह प्राप्ति के सोने का इंतजार करने लगी।

डेढ़ बजे के करीब सोते समय प्राप्ति की कनपटी पर ईंट से प्रहार किए। वो बेहोश हो गई तो खुखरी से उसकी गर्दन काटने की कोशिश की। सौतेली मां यहीं नहीं रुकी, इसके बाद वो लाश को खींचकर बाथरूम में ले गई और खुखरी से सवा चार घंटे तक उसकी लाश काटती रही।

प्राप्ति की हत्या की कहानी रोंगटे खड़े करने वाली है। पुलिस हत्याकांड को सुनियोजित साजिश का परिणाम तो नहीं मान रही है, मगर यह तय है कि मीनू कौर के दिलो-दिमाग में सौतेली बेटी के खिलाफ नफरत का गुब्बार भरा था। पटेलनगर इंस्पेक्टर रितेश शाह के मुताबिक छह फरवरी की रात 10 बजे के करीब मीनू कौर और प्राप्ति सिंह के बीच झगड़ा हुआ।

तकरार के बाद प्राप्ति अपने कमरे में सोने चली गई और कमरा लॉक किए बिना सो गई। इधर मीनू ने उसे ठिकाने लगाने की योजना बना ली। वो सोई नहीं। रात डेढ़ बजे के करीब मीनू बाथरूम के रास्ते प्राप्ति के कमरे में पहुंची और सो रही प्राप्ति के कान के पास ईंट से वार शुरू कर दिए।खून बहने के कारण प्राप्ति बेसुध हो गई तो मीनू ने खुखरी से उसकी गर्दन काटने की कोशिश शुरू कर दी। बेटी का कत्ल करने के बाद भी सौतेली मां की नफरत कम नहीं हुई। वो शव को बिस्तर से खींचकर बाथरूम तक ले गई और यहां बेटी के शव के दो टुकड़े किए। इंस्पेक्टर शाह के अनुसार मीनू ने पूछताछ में बताया कि शव के दो टुकड़े करने में सवा चार घंटे से अधिक का समय लगा, तब तक सुबह हो चुकी थी।

शव के दोनों टुकड़ाें को चद्दर में लपेटकर उसने खून से सना तकिया और अन्य चीजें भी रस्सी से चद्दर में ही बांध दीं। फिर बाथरूम के बराबर में बनी गैलरी में शव छिपाने के बाद कमरे और बाथरूम से खून साफ कर साक्ष्य मिटाने की कोशिश की। सात फरवरी की सुबह से ही मीनू कौर ने सामान्य रहने की कोशिश शुरू कर दी।