राहुल गांधी शनिवार से कर्नाटक में प्रचार अभ‍ियान की शुरुआत करेंगे

खबरें अभी तक। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी शनिवार से कर्नाटक में प्रचार अभ‍ियान की शुरुआत करेंगे. अपनी चार दिन की कर्नाटक यात्रा का आगाज राहुल बेल्लारी से करेंगे. इस दौरान वो गुजरात चुनाव की तरह ही मंदिरों के दर्शन भी करेंगे. माना जा रहा है कि राहुल अपनी सॉफ्ट हिंदू की छवि को बरकरार रखना चाहते हैं. इसलिए वो धार्मिक स्थानों का दौरा भी करेंगे.

लिंगायत समुदाय को साधने में जुटे राहुल

राहुल गांधी अपनी 4 दिन की यात्रा में 10 से 13 फरवरी तक हैदराबाद-कर्नाटक इलाके का दौरा करेंगे. इस दौरान वो बेल्लारी, कोप्पल, गुलबर्गा और रायचुर जाएंगे. कांग्रेस अध्यक्ष शनिवार को हंपी के हॉस्पेट में एक जनसभा को भी संबोध‍ित करेंगे.

इसके बाद राहुल हुलीगम्मा मंदिर दर्शन करने जाएंगे और वहां से गवी सिद्धेश्वर मठ भी जाने का कार्यक्रम है. गवी सिद्धेश्वर मठ को लिंगायत मठ भी कहा जाता है.

दरअसल, जिस क्षेत्र में राहुल यात्रा कर रहे हैं वहां लिंगायत समुदाय की आबादी सबसे ज्यादा है. ऐसे में राहुल का गवी सिद्धेश्वर मठ जाना इसी समुदाय को कांग्रेस के पाले में लाने की कोश‍िश है. लिंगायत समुदाय को बीजेपी के कोर वोट के तौर पर भी देखा जाता है. सिद्धेश्वर मठ में दर्शन के बाद राहुल येलबर्गा विधानसभा में एक जनसभा को संबोध‍ित भी करेंगे.

राहुल के दौरे के मद्देनजर इन जिलों में कांग्रेस ने पूरी तैयारी कर रखी है. कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर राहुल पहली बार बेल्लारी और अन्य जिलों में जा रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस कार्यकर्ता उनका जगह-जगह स्वागत भी करेंगे.

इन सबके साथ राहुल गांधी अल्पसंख्यक समुदाय के धार्मिक स्थानों पर भी जा सकते हैं. जानकारी के मुताबिक राहुल मंदिर-मठ के साथ दरगाह भी जाएंगे.

बेल्लारी से शुरुआत क्यों?

दरअसल, साल 1999 में सोनिया गांधी ने अपना पहला चुनाव बेल्लारी लोकसभा सीट से ही लड़ा था. उन्होंने इस सीट से बीजेपी की सुषमा स्वराज को हराया था. उस चुनाव के दौरान राहुल गांधी भी कई दिनों तक प्रचार अभियान पर रहे थे.

इसके बाद 2013 के विधानसभा चुनाव में सात साल बाद कांग्रेस को सत्ता में वापस लाने में इसी बेल्लारी का बड़ा योगदान था. क्योंकि 2010 में विपक्ष के नेता रहे सिद्धारमैया ने खनन माफिया रेड्डी भाईयों के विरोध में बेंगलुरू से बेल्लारी तक पदयात्रा निकाली थी. माना जाता है कि इस पदयात्रा के बाद ही लोगों के बीच कांग्रेस ने अपनी जड़ मजबूत की थी.