सोवियत संघ के अंतिम मार्शल दिमित्री याजोव का हुआ निधन

ख़बरें अभी तक। सोवियत संघ के अंतिम मार्शल दिमित्री याजोव का 95 वर्ष की आयु में निधन हो गया है।बता दें कि रूस में सोवियत संघ के वह अंतिम मार्शल थे। बता दें कि रूस के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि दिमित्री लंबी बीमारी से ग्रस्त थे। हाल ही में उन्‍होंने आखिरी सांस रूस की राजधानी मास्‍को में ली। इनसे जुड़ी अहम बात ये है कि इन्होंने दिमित्री ने मिखाइल गोर्बाचेव के खिलाफ तख्तापलट में अहम भूमिका निभाई थी।

1987 और 1991 के बीच रहे रक्षा मंत्री इतनी ही नही बल्कि 1987 और 1991 के बीच रक्षा मंत्री दिमित्री ने मार्शल के पद बैठने के एक साल बाद अगस्त 1991 में गोर्बाचेव के खिलाफ तख्तापलट के में भी भाग लिया था। वैसे उनका यह तख्तापलट विफल हो गया था। जानकारी दें दें कि इससे जुड़े लोगों को तीन दिन बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। साथ ही अलबत्‍ता इस प्रयास के बाद सोवियत संघ का पतन निश्चित हो गया था। अंततः दिसंबर 1991 सोवियत संघ को भंग कर दिया गया। जिसके बाद दिमित्री को जेल में डाल दिया गया।

दिमित्री को 1993 में जेल से रिहा किया गया- 1993 में इनको जेल से रिहा किया गया और 1994 में असफल तख्तापलट में उनकी भूमिका के लिए माफी भी दी गई। 4 फरवरी को रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने उन्हें फॉर मेरिट टू द फादरलैंड पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया था। बता दें कि उन्हें राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी सम्‍मानित किया था।इतना ही नही बल्कि उन्हें 2004 में ऑर्डर ऑफ ऑनर और 2014 में ऑर्डर अलेक्जेंडर नेवस्की से सम्मानित किया गया था।