इस महाशिवरात्रि जरुर करें एशिया के सबसे ऊंचे इस शिव मंदिर के दर्शन

ख़बरें अभी तक। देवो के देव महादेव का महाशिवरात्रि पर्व 21 फरवरी को है। महाशिवरात्रि के इस पर्व से पहले हम आपके एक ऐसे शिव मंदिर के बारे में जानकारी देंगे जो एशिया का सबसे ऊंचा मंदिर है और यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में स्थित है। शिव के इस मंदिर में भक्तों का तांता हमेशा ही लगा रहता है। यहां महाशिवरात्रि को भारी संख्या में दूर-दूर से शिव भक्त आते हैं।यह मंदिर दक्षिण-द्रविड़ शैली से बना है। इस मंदिर को बनने में ही करीब 39 साल का समय लगा है। मंदिर में शिव लिंग स्थापित किया गया है। जिसके दर्शन के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से आते है। सोलन शहर से करीब सात किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस जटोली मंदिर के पीछे मान्यता है कि पौराणिक समय में भगवान शिव यहां आए थे और कुछ समय यहां रहे। बाद में एक सिद्ध बाबा स्वामी कृष्णानंद परमहंस ने यहां आकर तपस्या की थी।उनके मार्गदर्शन और दिशा-निर्देश पर ही जटोली शिव मंदिर का निर्माण शुरू हुआ। इस मंदिर के कोने में स्वामी कृष्णानंद की गुफा है। मंदिर का गुंबद 111 फीट ऊंचा है। इसी कारण ये एशिया का सबसे ऊंचा मंदिर है। अब आपको बताते है यहां पहुंचने का रास्ता, सोलन से राजगढ़ रोड होते हुए जटोली मंदिर को जा सकते है। सड़क से करीब 100 सीढ़ियां चढ़कर मंदिर है। दाईं ओर भगवान शिव की मूर्ति स्थापित है।इसके 200 मीटर की दूरी पर शिवलिंग स्थापित है। यह मंदिर देखने में बहुत ही सुंदर है। यहां हर रविवार भंडारे का आयोजन भी किया जाता है। और महाशिवरात्रि के दिन यहां सुबह से लेकर रात तक शिव के जयकारों से पूरा मंदिर गूंज उठता है और बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक इस दिन हर कोई शिव के रंग में रंग जाता है।