सड़कों पर उतरे जेबीटी-डीएलएड प्रशिक्षु, सरकार के खिलाफ की नारेबाजी

ख़बरें अभी तक। सोलन: अपनी मांगों को लेकर जेबीटी-डीएलएड प्रशिक्षित बेरोजगार संघ सोलन ने बुधवार को सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रशिक्षुओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। डाइट से शुरू हुई रैली शहर के विभिन्न हिस्सों से होते हुए डीसी ऑफिस पहुंची। जहां डीसी के माध्यम से सीएम,शिक्षा मंत्री, राज्यपाल को एक ज्ञापन भेजा गया। ज्ञापन में प्रशिक्षुओं ने जेबीटी कमीशन में एनसीटीई की अधिसूचना के अनुसार बीएड को शामिल न करने के साथ साथ प्राथमिक स्कूलों में जेबीटी व डीएलएड प्रशिक्षुओं को प्राथमिकता देने की मांग की।

जेबीटी-डीएलएड प्रशिक्षित बेरोजगार संघ के सदस्यों संजय व आस्था ने कहा कि प्रदेश में जेबीटी एवं डीएलएड प्रशिक्षुओं की संख्या 25 हजार के करीब हैं। जबकि, प्रदेश में 3500 पद जेबीटी के खाली पड़े हैं। जेबीटी के पदों को भरने के लिए जेबीटी एवं डीएलएड को प्राथमिकता देने के मसले पर संघ कई बार सरकार को अवगत करा चुका है। जेबीटी के पदों को भरने के लिए प्रदेश अधीनस्थ सेवाएं चयन बोर्ड हमीरपुर की ओर से 2018 में आवेदन मांगे गए थे।

12 मई को 2019 को लिखित परीक्षा ली जा चुकी है, लेकिन अब तक परीक्षा परिणाम इसलिए घोषित नहीं किए गया क्योंकि भर्ती प्रक्रिया में बीएड धारकों को भी शामिल किया गया है जो जेबीटी भर्ती नियमानुसार नहीं है। संघ ने मांग की है कि सरकार जेबीटी एवं डीएलएड प्रशिक्षुओं के पक्ष में अपना पक्ष रखे और जल्द खाली पड़े पदों को भरे। संघ ने ये भी मांग कि की जेबीटी कमीशन में एनसीटीई की अधिसूचना के अनुसार बीएड धारकों को शामिल न किया जाए।

बता दें कि जेबीटी भर्ती में बीएड अभ्यर्थियों को अस्थायी तौर पर परीक्षा में बैठने की अनुमति दिए जाने से बेरोजगार जेबीटी अध्यापकों में भारी रोष बना हुआ है। जेबीटी एवं डीएलएड प्रशिक्षित बेरोजगार संघ कई बार सरकार के समक्ष अपनी मांग को उठा चुका है, लेकिन सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है। ज्ञापन में संघ ने मांग की है कि प्रदेश उच्च न्यायालय ने जेबीटी पदों पर बीएड धारकों को अस्थायी तौर पर परीक्षा देने की अनुमति दी है। इस बारे सरकार को अपना पक्ष रखना चाहिए।