अमेरिका चाहता है की मालदीव लोगों और संस्थानों के अधिकार बहाल करे

खबरें अभी तक। अमेरिका ने गुरुवार को मालदीव की मौजूदा स्थिति पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन को शांति बहाल की अपील की है. उन्होंने बताया कि अमेरिका ने यामीन को संसद की कार्यवाही सुनिश्चित करने को कहा है.

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘अमेरिका ने राष्ट्रपति यामीन, सेना और पुलिस से नियमों का अनुपालन करने, सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को लागू करने, संसद के पूर्ण एवं उचित संचालन को सुनिश्चित करने और देशे के लोगों तथा संस्थानों को संविधान में दिए हुए अधिकारों को बहाल करने को कहा है.’

बहरहाल, मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद के भारत से सैन्य हस्तक्षेप की मांग करने के सवाल को प्रवक्ता ने कोई तवज्जो नहीं दी.

नशीद ने कल भारत से ‘मुक्तिदाता’ की भूमिका निभाने और मालदीव में जारी राजनीतिक उथल-पुथल के निपटान के लिए सैन्य हस्तक्षेप की मांग की थी.

अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता ने कहा, ‘हम यामीन के आपातकाल घोषित करने की खबरों से परेशान हैं, जो सेना को संदिग्धों की गिरफ्तारी एवं उन्हें हिरासत में लेने का अधिकार देता है, लोगों के सार्वजनिक तौर पर एकत्रित होने पर रोक लगाता है, यात्रा प्रतिबंध जारी करता है और मालदीव संविधान के कुछ हिस्सों को निलंबित कर देता है.’

 अमेरिका के मालदीव के लोगों के साथ खड़े होने की बात पर जोर देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि यामीन, सेना और पुलिस को मालदीव के अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दायित्वों तथा प्रतिबद्धताओं का सम्मान करना चाहिए.

इस बीच, मानव अधिकारों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त जैद राद जैद अल हुसैन ने कहा कि मालदीव में आपातकाल की घोषणा और इसके परिणामस्वरूप संविधान में दिए गए अधिकारों के निलंबन ने किसी भी लोकतांत्रिक शासन को चलाने के लिए आवश्यक नियंत्रण एवं संतुलन और शक्तियों के बंटवारे का सफाया कर दिया है.

इस हफ्ते की शुरुआत में यामीन ने 15 दिन के आपातकाल की घोषणा कर दी थी, जिसके बाद पूर्व राष्ट्रपति, मालदीव के चीफ जस्टिस और सुप्रीम कोर्ट के एक जज सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था. सुप्रीम कोर्ट द्वारा नौ राजनीतिक कैदियों की तत्काल रिहाई का आदेश देने के बाद यामीन ने यह कदम उठाया था.