बारिश न होने से 75 फीसदी घटा बिजली उत्पादन

खबरें अभी तक। मौसम की बेरुखी से प्रदेश में अभी तक पर्याप्त बारिश और बर्फबारी न होने से बिजली उत्पादन 75 फीसदी तक घट गया है। गर्मियों में पड़ोसी राज्यों को दी गई बिजली को वापस लेकर इन दिनों हिमाचल को रौशन किया जा रहा है।

प्रदेश में वर्तमान में 275 लाख यूनिट बिजली की जरूरत है जबकि हिमाचल की अपनी बिजली परियोजनाओं में उत्पादन घटकर 45 लाख यूनिट पहुंच गया है। बिजली संकट से राहत देने के लिए इन दिनों हिमाचल सेंट्रल सेक्टर से 98 लाख यूनिट, बैंकिंग से 132 लाख यूनिट बिजली लेकर काम चला रहा है।

इसके अलावा प्रदेश के अपने प्रोजेक्टों से 45 लाख यूनिट बिजली प्राप्त हो रही है। राज्य बिजली बोर्ड के मुताबिक प्रदेश में अभी तक विद्युत संकट जैसे हालात नहीं हैं। पड़ोसी राज्यों को उधार पर दी गई बिजली को वापस लेकर हिमाचल की मांग को पूरा किया जा रहा है।

हर साल दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और यूपी को गर्मियों में हिमाचल बैंकिंग पर बिजली देता है। सर्दियों के मौसम में इसे वापस लिया जाता है। मार्च महीने तक पड़ोसी राज्यों से बैंकिंग पर बिजली ली जाएगी। प्रदेश के अपने बिजली प्रोजेक्टों में औसतन 200 से 220 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन होता है। सर्दियों के मौसम में हर साल उत्पादन घटता है।

हिमाचल प्रदेश की 1500 मेगावाट के नाथपा-झाकड़ी बिजली प्रोजेक्ट में वर्तमान में सिर्फ 6.5 मिलियन यूनिट बिजली की पैदावार हो पा रही है। इस प्रोजेक्ट की बिजली उत्पादन की क्षमता प्रतिदिन 36 मिलियन यूनिट की है। बारिश और बर्फबारी कम होने से इस प्रोजेक्ट में करीब 30 मिलियन यूनिट कम उत्पादन हो रहा है।

बर्फबारी और बारिश न होने से सतलुज नदी का जलस्तर घटा है। 412 मेगावाट के रामपुर पन बिजली प्रोजेक्ट में भी बिजली उत्पादन पहले से घटा है। उधर, नाथपा झाकड़ी बिजली परियोजना प्रमुख संजीव सूद बताते हैं कि हर साल बरसात और सर्दियों के दौरान बिजली उत्पादन कम होता है।