लाहौल में विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी, सरकार द्वारा हेली एम्बुलेंस की घोषणा भी ठंडे बस्ते में

ख़बरें अभी तक। प्रदेश का दुर्गम व कबाईली जिला लाहौल-स्पीति स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर अपनी दुर्गति पर आंसू बहा रहा है कहने को तो लाहौल-स्पीति के मुख्यालय केलांग में एक क्षेत्रिय अस्पताल व जिले में तीन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, 17 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, 36 सब सेन्टर तथा आठ शीतकालीन स्वास्थ्य केन्द्र स्थापित कियें गए हैं। इन स्वास्थ्य संस्थानों के संचालन के लिए प्रदेश सरकार ने 426 पद स्वीकृत कर रखें हैं लेकिन प्रदेश सरकार मात्र 203 पदों को ही भर पाई है। जबकि 223 पदों पर नियुक्ति करना ही भूल गई है। जिसके चलते जनजातीय लोगों को अपने स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्यों के निवारण के लिए प्रदेश के अन्य जिलों के अस्पतालों में दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर हो रहें हैं।

वहीं चरमराती स्वास्थ्य सेवायों के चलते जिले के प्रत्येक वर्ग के लोग प्रभावित हो रहे है। क्षेत्रिय अस्पताल केलांग में विशेषज्ञ डाक्टरों की सभी सात पद खाली,खण्ड चिकित्सा अधिकारी के दो पद में से एक पद खाली, दन्त चिकित्सक के आठ में से चार पद खाली, सेक्टर ऑफिसर के सभी पद खाली, लैब सहायक,डेन्टल हाईजिनिस्टीक के तीनों पद खाली, सुपरिटेन्डेंड ग्रेड 2 के सभी तीनों पद खाली,वारिष्ठ र्क्लक के 17 में से 10 खाली,स्टाफ नर्स के 30 में से 11 खाली,फार्मासिस्ट के 33 में से 20 खाली,वारिष्ठ लेब तकनीशियन के 16 के 16 पद खाली,मेल हेल्थ वर्कर के 37 में से 25 खाली, प्रशिक्षित दाई 21 में से 15 खाली,चर्तुथ श्रेणी कर्मचारी,वार्ड,45 में से 18 खाली पद खाली चल रहें हैं।

जिले का सबसे बडा अस्पताल जो जिला मुख्यालय केलांग में स्थित क्षेत्रिय अस्पताल विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी व पर्याप्त संख्या में स्वास्थ्य स्टाफ नहीं होने के कारण मात्र रैफर अस्पताल बन कर रह गया है। जिले में स्वास्थ्य सेवाओं का स्वास्थ्य कब ठीक होगा कहना जरा मुश्किल हैं।