लहसुन की खेती पहाड़ी किसानों के लिए बनी वरदान, अच्छी पैदावार से खिले किसानों के चेहरे

ख़बरें अभी तक। लहसुन की खेती पहाड़ी क्षेत्रों के किसानों के लिए वरदान बन रही है लहसुन की पैदावार बहुत ही अच्छी होने से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं। देवभूमि हिमाचल का जिला सिरमौर के शिलाई क्षेत्र किसानों को इस बार लहसुन की अच्छी पैदावार से मुनाफा भी ज्यादा होने की उम्मीद है। यह बातें यहां के किसान महसूस भी कर रहे हैं किसानों के लिए इस बार की बारिश अमृत की बूंद की तरह किसानों की फसलों को फायदा दे रही है। शिलाई क्षेत्र के पाब, दुगाना कांडो ,कफोटा गाँव में लहसुन की पैदावार लोगों की किस्मत बदलने वाली है। यहां के अधिकतर किसानों के लिए इस बार खुशी की घड़ी नजर आ रही है। यहां के किसान खेतों में लहसुन की उपज देखकर चेहरे से ज्यादा खुशी झलका रहे हैं तो मन ही मन सही कीमत मिलने की उम्मीद भी जता रहे हैं।

क्या बोले क्षेत्र के किसान-

खेतों में दिन रात कड़ी मेहनत कर रहे किसानों की इस बार लहसुन की पैदावार बहुत अच्छी हुई है। यहां के युवा मोबाइल में यूट्यूब वीडियो देख कर के ही फसलों की जानकारियां मिल रही है। सुदेश कुमार ने बताया कि इस बार यहां के किसान काफी खुश नजर आ रहे हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि इस बात यहां के किसान को लहसुन की फसल उम्मीद से ज्यादा मुनाफा कमा कर देगी लाइक राम तोमर ने बताया कि सुविधाओं के अभाव के कारण यहां के लोगों को भारी दिक्कतें झेलनी पड़ती है पिछले 4 वर्ष दाम सही ना मिलने की वजह से किसानों के चेहरे झिलमिला गए थे। लेकिन इस बार उन्हें उम्मीद है कि जितनी अच्छी पैदावार है उतने अच्छे दाम भी मिलेंगें। पाब गांव के बुद्धिजीवी रामानंद ने बताया कि लहसुन की पैदावार बहुत अच्छी है अगर सरकार लहसुन के दाम अच्छे रखें तो किसानों को दो वक्त की रोटी का अच्छा गुजारा हो सकता है। उन्होंने प्रदेश और केंद्र सरकार के से आग्रह किया है कि इस बार किसानों को अच्छे दाम मिलने चाहिए ताकि शिलाइ का आगे बढ़ सकता है।

कृषि विज्ञानिक के डॉक्टर सुखदेव सिंह पटियाल ने बताया कि किसानों को इस घने कोहरे और पाले से अपनी फसलों को बचाने के लिए हल्का हल्का पानी का छिड़काव करना चाहिए ताकि फसलों में कोई रोग ना लगे साथ ही उन्होंने  कहा कि जीरो बजट की खेती किसानों के लिये लाभित हो रही है। उसके बारे में भी यहां के लोगों को जानकारियां दी जा रही है। ताकि यहां का किसान भी  आगे बढ़े।