साल बीतने के बाद भी शुरू नहीं हुई हिमाचल में हेली एंबुलेंस सेवा

खबरें अभी तक। हिमाचल के जनजातीय इलाकों में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा दिलाने के लिए प्रदेश सरकार ने खाली एंबुलेंस सेवा शुरू करने का ऐलान तो किया था। लेकिन आज करीब डेढ़ साल बीतने के बाद भी वह योजना फाइलों में ही दफन होकर रह गई है। साल 2018 के अप्रैल माह में हेली एंबुलेंस सेवा को रूप देने की दृष्टि से इसे जयराम सरकार द्वारा कैबिनेट में मंजूरी भी दी गई थी। लेकिन उसके बाद से लेकर यह मामला अभी तक फाइलों में ही उलझा हुआ है। अगर हेली एंबुलेंस सेवा प्रदेश के जनजातीय इलाकों में शुरू हो गई होती तो इसके लिए जनजातीय क्षेत्र के लोगों को सर्दियों के दौरान स्वास्थ्य सेवा के लिए सरकारी चौपर की राह ना देखनी होती।

हेली एंबुलेंस सेवा के माध्यम से जनजातीय इलाके जिसमें जिला लाहौल स्पीति, जिला किन्नौर, जिला चंबा का दुर्गम इलाका पांगी, जिला कांगड़ा के बीड़ भंगाल को 12 महीने बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिलनी थी। हालांकि प्रदेश सरकार बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए सरकारी हेलीकॉप्टर से सुविधा देने की बात करती है। लेकिन नियमित उड़ानें ना होने के चलते मरीजों को कई दिनों तक जनजातीय क्षेत्रों में ही फंसना पड़ रहा है इसके कई उदाहरण प्रदेश में पहले मिल चुके है।

हिमाचल के जनजातीय क्षेत्रों सहित अन्य हिस्सों में हेली एंबुलेंस सेवा शुरू होने से सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल और अन्य मरीजों को तत्काल बेहतर इलाज के लिए अन्य अस्पतालों में शिफ्ट करने के लिए नि:शुल्क सुविधा दी जानी थी। इसके लिए प्रदेश सरकार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत स्विट्जरलैंड की कंपनी हेली मिशन के साथ करार करने की योजना बनाई गई थी। करार के साथ करार करने के लिए साल 2018 के अप्रैल माह में मंत्रिमंडल की बैठक में इसे मंजूरी दे दी गई थी। हेली एम्बुलेंस योजना के तहत कुल्लू जिले के मनाली स्थित लेडी विलिंगडन अस्पताल की सहायता से हेली मिशन स्विट्जरलैंड द्वारा संचालित की जाने वाली इस हेली एंबुलेंस सेवा का मुख्य केंद्र मनाली में रखा जाना था।

कंपनी के साथ करार होने के बाद हेली एंबुलेंस टैक्सी की संख्या तय की जानी थी। हेली एंबुलेंस सेवा के लिए भी मरीज 108 नंबर पर कॉल कर मरीज की गंभीरता के इसके बाद 108 एंबुलेंस सेवा केंद्र से सीधा हेली एंबुलेंस सेवा केंद्र मनाली को फोन पर सूचना दी जानी थी। इसके बाद हेली एंबुलेंस सेवा से मरीज के घर पर फोन कर बीमारी उसकी चोट के बारे में जानकारी जुटाएंगे। यदि मरीज की हालत गंभीर होगी तो ऐसी स्थिति में मरीज को तुरंत प्रभाव से हेली एंबुलेंस सेवा मुहैया करवाई जाएगी। जिसके माध्यम से मरीज को सीधा प्रदेश के बड़े अस्पताल में पहुंचाया जाएगा। इस हेली एंबुलेंस में मरीज को प्राथमिक उपचार देने के लिए टीम भी तैनात रहेगी।

वहीं, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का कहना है कि प्रदेश सरकार जनजातिय इलाकों में मरीजों को बेहतर सेवा देने के लिए हेलीकॉप्टर की सेवा उपलब्ध करवा रही है। अभी भी जनजातीय इलाकों में मरीज को हवाई सेवा के माध्यम से सुविधा प्रशासन की और से दी जा रही है। इस साल जून माह तक रोहतांग टनल भी लोगो की सुविधा के लिए खोल दिया जाएगा।