लाहौल स्पीति: पहली बार दस दिवसीय आइस हॉकी का प्रशिक्षण शिविर आयोजित

खबरें अभी तक। लाहौल स्पीति के मंडल में युवा एवं खेल सेवाएं विभाग द्वारा पहली बार दस दिवसीय आइस हॉकी का प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जा रहा है। इस शिविर में बच्चों को प्रशिक्षित दिया जाएगा। स्थानीय प्रशासन ने समुद्र तल से 3720 मीटर की ऊंचाई पर 50 x 35 मीटर का आइस हॉकी स्केटिंग रिंग तैयार किया है। यह हिमाचल का सबसे ऊंचा आइस हॉकी स्केटिंग रिंग माना जा रहा है। काजा में हुई भारी बर्फबारी के बाद प्रशासन ने आइस स्केटिंग रिंग तैयार कर स्कूली बच्चों को आइस हॉकी के प्रति उत्साहित करने के उद्देश्य से इस कदम को उठाया है। 20 दिसंबर से लेकर 30 दिसंबर तक आइस हॉकी का प्रशिक्षण पहली बार काजा दिया जाएगा।

इसमें स्पीति क्षेत्र के 40 बच्चों और पांच लाहौल से कुल 45 बच्चें चयनित किए गए हैं । इसके अलावा शारीरिक शिक्षा अध्यापक को भी इसमें प्रशिक्षण दिया जाएगा। 20 दिसंबर को कृषि सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ राम लाल मारकंडा जी इस 10 दिवसीय आइस हॉकी ट्रेनिंग कैंप का उद्घाटन करेंगे। लद्दाख वुमन आइस हॉकी फाउंडेशन की टीम की 3 राष्ट्रीय खिलाड़ी स्टाजिन चोस्टो, रिंचेन डोलमा, टाशी डोलकर

इस शिविर में बच्चों को आइस हॉकी की बारीकियों के बारे में अवगत करवाएंगे। 10 दिन तक स्कूली बच्चों को आइस हॉकी किस तरह खेली जाती है, किन-किन सावधानियों का इस्तेमाल आइस हॉकी के दौरान किया जाता है। आइस हॉकी के खेल के बारे में विस्तृत रूप से बच्चों को बताया जाएगा । ताकि उनके अंदर इस खेल के प्रति रुचि पैदा हो। एडीएम ज्ञान सागर नेगी ने जानकारी देते हुए बताया की  क्षेत्र में बच्चों के अंदर हॉकी के प्रति खेल भावना विकसित हो सके और हमारे इस क्षेत्र से राज्य स्तरीय से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर तक खिलाड़ी पहुंचे, इसी उद्देश्य से इस मुहिम को शुरू किया गया है।

फिलहाल 45 बच्चों का चयन इस प्रशिक्षण शिविर के लिए किया गया है। आगामी वर्ष में बच्चों की संख्या में इजाफा करने में प्रशासन पूर्ण प्रयास करेगा स्थानीय प्रशासन ने इसे कम से कम समय में तैयार करवाया है। स्पीति का क्षेत्र साल में 5 महीने से अधिक बर्फ से ढका रहता है ऐसे में यहां के लोग किसी भी तरह की चुनौतियों से निपटने के लिए सक्षम है । अगर आइस हॉकी के अच्छे खिलाड़ी हमारे स्पीति में तैयार हो जाते हैं तो हमारे लिए गर्व का विषय होगा साथ ही साथ हिमाचल के लिए भी कभी बेहतर रहेगा बच्चों के अंदर यह भावना पैदा करने का एक कारण यह भी है कि बड़ों की मुकाबले बच्चे जल्दी सीख जाते हैं।