डोभी में पैराग्लाइडिंग टेस्ट के दौरान 34 पायलट फेल

खबरें अभी तक। जिला कुल्लू में पर्यटन विभाग ने पैराग्लाइडर उपकरणों निरीक्षण में पैराग्लाइडिंग ऑपरेटरों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 34 पैराग्लाइडर पायलट को रिजेक्ट कर दिया गया है। जिला पर्यटन विभाग द्वारा गठित कमेटी द्वारा यह कार्यवाही अमल में लाई गई है। जिला कुल्लू के डोभी में पैराग्लाइडर पायलट के टेस्ट के दौरान 92 पैराग्लाइडर पायलटों ने इसमें भाग लिया जिसमें सिर्फ 58 पायलट ही पास हो पाए। इस कमेटी में जिला पर्यटन अधिकारी भागचंद नेगी, पर्वतारोहण संस्थान के निदेशक कर्नल नीरज राणा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

इस दौरान सभी पायलटों का फ्लाई टेस्ट भी लिया गया और उसमें पास होने वाले पायलटों को ही प्रमाण पत्र जारी किए गए। वहीं इस दौरान पैराग्लाइडर के भी टेस्ट किए गए और उन्हें 6 माह के लिए प्रमाणित किया गया। वहीं निदेशक कर्नल नीरज राणा ने बताया कि आने वाले समय में नए नियमों के तहत सभी पैराग्लाइडर को अपने पास इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस रखनी होगी। जिससे पैराग्लाइडर की उड़ान का समय पता चल पाएगा। उन्होंने बताया कि हर बार देखने को मिलता है कि हर 8 माह के बाद 100 अन्य युवा पैराग्लाइडर का प्रमाण पत्र लेने के लिए आते हैं।

लेकिन उनमें अनुभव की काफी कमी होती है। तो ऐसे में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की मदद से यह पता चल पाएगा कि पैराग्लाइडर के पास हवा में उड़ने का कितना अनुभव है। ताकि साहसिक गतिविधियों के दौरान सैलानियों के साथ किसी प्रकार की दुर्घटना ना हो सके और वह इस एडवेंचर का आनंद ले सकें।