पुलिस की कार्यप्रणाली को सराहा, निर्भया के दोषियों को भी फांसी की सजा हो

खबरें अभी तक। हैदराबाद में हुई गैंग रेप की घटना को लेकर राजनीतिक, सामाजिक, अध्यापक व छात्र वर्ग में काफी गुस्सा है। साथ ही पुलिस द्वारा चार आरोपियों का एकाउंटर कर ढेर करने के बाद शांति जरूर मिली है। यह भी कहना है कि हैदराबाद की तरह निर्भया केस के आरोपियों के साथ भी ऐसा होता या फांसी की सजा होती तो उन्हें काफी शांति मिलती। हालांकि सभी वर्गों ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए हैं।

हैदराबाद में हुई बेटी के साथ दुखद घटना को लेकर पूरे देश में गुस्सा है और किसी ना किसी तरीके से हर कोई व्यक्ति उस गुस्से का इजहार कर रहा है। लेकिन सबसे ज्यादा गुस्सा उन बेटियों के अंदर है, जिनके लिए नारा दिया गया है बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ। चरखी दादरी में भी बेटियों ने अपने गुस्से का इजहार किया। वहीं राजनीतिक लोगों ने हैदराबाद एकाऊंटर को सराहते हुए बेटियों को इंसाफ दिलाने की ओर ऐसे कदम उठाने की मांग की।

अध्यापिका रूचि शर्मा का कहना है कि निर्भया व हैदराबाद जैसी घटनाएं होने के बाद तो उन्हें घर से बाहर निकलने में डर लगने लगा है। निर्भया कांड को आज इतने साल हो गए, लेकिन आज तक उनके दोषियों को फांसी की सजा नहीं दी गई। अगर उन दोषियों को फांसी की सजा मिल जाती, तो शायद हैदराबाद जैसा यह घिनौना काम नहीं हो पाता। वहीं छात्रा पूनम ने कहा कि ऐसे मामलों में तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए। ताकि घिनौने काम करने वाले लोगों को एक सबक मिल सके।

पशुधन विकास बोर्ड के चेयरमैन व विधायक सोमबीर सांगवान ने कहा कि रेप जैसे घर्णित कार्य करने वालों को हैदराबाद पुलिस द्वारा किए एंकाऊंटर जैसी सजा देनी चाहिए। क्योंकि अपराधी कानूनी प्रक्रियाओं के दौरान बच निकलते हैं और गवाहों को भी मारकर दोगुना अपराध करते हैं। ऐसा होने से अपराध पर अंकुश लगेगा और बेटियां भी बचेंगी।