बनलोई दिवस पर एकत्रित हुए 9वीं बटालियन राजपूताना राईफलस के पूर्व अधिकारी व जवान

ख़बरें अभी तक। मंगलवार को भिवानी के नेहरू पार्क में बनलोई दिवस मनाया गया। सेना की 9वीं बटालियन राजपूताना राईफल के शौर्य की गाथा हर वर्ष 3 दिसंबर को देश के किसी न किसी शहर में दोहराई जाती हैं। 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान पाकिस्तान ने बनलोई में तैनात 9वीं बटालियन राजपूताना राईफल पर तीन बार आक्रमण किया। इस आक्रमण में राजपूताना राईफल के चार जवान शहीद हो गए। लेकिन पाकिस्तान को इसका खामियाजा चार जेसीओ व 42 जवानों के रूप में भुगतना पड़ा। इसीलिए सेना के मुख्यालय ने तीन दिसंबर को बनलोई दिवस मनाने की घोषणा की।

हर वर्ष तीन दिसंबर को राजपूताना राईफल की 9वीं बटालियन के पूर्व सैनिक देश के अलग-अलग हिस्सों में एकत्रित होकर अपना शौय दिवस मनाते हैं। बनलोई में 1971 में शहीद हुए चार जवानों में से एक जवान भिवानी जिला के गांव शिमली का जवान सज्जन कुमार भी था।

विजय हासिल करने पर सरकार ने बनलोई दिवस मनाने का मंगलवार को देश भर के 9वीं बटालियन के राजपूताना राईफलस से संबंधित पूर्व सेना अधिकारी व सैनिक भिवानी के नेहरू पार्क में एकत्रित हुए और शहीद स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। देश भर से आए अधिकारी व जवानों ने एक-दूसरे का कुशलक्षेम पूछा और पुरानी यादों को सांझा किया। इस अवसर पर मेजर जनरल नरेंद्र बहादुर सिंह,कर्नल सतबीर सिंह यादव,कप्तान अत्तर सिंह ने वन रैंक वन पेंशन को लाभप्रद बताया और जो खामी इसमें है, उसके लिए उनकी यूनियन केंद्र सरकार को अवगत करवाती रहती हैं।

उन्होंने कहा कि आज के दिन उनकी बटालियन ने विजय प्राप्त की थी और पाक के दांत खट्टे किए थे। 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान पाकिस्तान ने बनलोई में तैनात 9वीं बटालियन राजपूताना राईफल पर तीन बार आक्रमण किया। इस आक्रमण में राजपूताना राईफल के चार जवान शहीद हो गए। लेकिन पाकिस्तान को इसका खामियाजा चार जेसीओ व 42 जवानों के रूप में भुगतना पड़ा। इसीलिए सेना के मुख्यालय ने तीन दिसंबर को बनलोई दिवस मनाने की घोषणा की। आज हमने उन देश भक्तों को भी याद किया है जो देश के लिए शहीद हो गए थे।