हिमाचल प्रदेश के सेब को विश्व स्तर पर गुणवत्ता पूर्ण और पैदावार बढ़ाने के लिए न्यूजीलैंड के बागवान दें रहे टिप्स

ख़बरें अभी तक:  हिमाचल प्रदेश के सेब को विश्व स्तर पर गुणवत्ता पूर्ण और पैदावार कैसे बढ़ाई जा सके इसके लिए न्यूजीलैंड के बागवान विशेषज्ञ टिप्स दे रहे हैं। विश्व बैंक की 1134 करोड़ रूपये की सहायता से चलाये गए बागवानी विकास परियोजना के प्रथम चरण में विशेषज्ञ बागवानी विभाग और नौणी यूनिवर्सिटी के अधिकारियों को तकनीकी जानकारियां दे रहे हैं। न्यूजीलैंड के विशेषज्ञों का कहना है की न्यूजीलैंड के बागवान सेब गुणवत्ता पूर्ण तैयार करते है। इसी कारण विश्व की मंडियों में न्यूजीलैंड का सेब अन्य सेब के मुकाबले दोगुने दरों पर बिकता है। इन दिनों न्यूजीलैंड के बागवानी विशेषज्ञ प्रदेश के विभिन्न सेब बहुल क्षेत्रों का दौरा कर लोगों को गुणवत्ता पूर्ण और अधिक पैदावार कैसे कि जा सकता है जानकारी दे रहे हैं।

न्यूजीलैंड के विशेषज्ञों ने बागवानों को बताया की हिमाचल प्रदेश में सेब के पौधों का आकार काफी बड़ा है और उसमें लगने वाले सेब को ठीक से प्रकाश एवं सूर्य की किरणे नहीं पढ़ती। जिस से सेब ठीक से नहीं पनपता।  न्यूजीलैंड के विशेषज्ञ ने बताया कि सबसे अहम सेब के पेड़ की प्रूनिंग होती है। जिससे सेब के पौधे के आकार को इस रूप में डाला जाता है। जिससे सेब की हर टहनी में प्रकाश आसानी से पहुंचे, दूसरा आकार भी सही हो इस के साथ-साथ पैदावार भी बड़े। उन्होंने लोगों से अपील की है कि रसायनों का प्रयोग कम हो और रसायनों के प्रयोग की निर्धारित अवधि के बाद ही सेब पेड़ों से निकाल कर मंडी पहुचाये। उन्होंने बताया कि न्यूजीलैंड में प्रति हेक्टेयर 60 से लेकर 12 0 मीट्रिक तन प्रति हेक्टेयर पैदावार हो रही है. जबकि भारत में केवल प्रति हेक्टेयर 6 मीट्रिक टन।