टोहाना के गांव खनोरा में सामूहिक जोहड़ का पानी हुआ दुषित

खबरें अभी तक। प्रत्येक गांव में पशुओं के पीने के लिए पानी व उनके नहाने धोने के लिए गांव में खुदाई कर सामुहिक जोहड़ यानी तालाब का प्रबंध किया जाता है ताकि सुबह व सांयकाल के समय पशुपालक अपने पशुओं को पानी पिलाने के अलावा नहला सके। जोहड़ में पानी एकत्रित करने के लिए गांववासियों द्वारा टयूब्वेल का प्रबंध किया जाता है इसके अलावा जिस गांव के पास नहर के पानी की व्यवस्था होती है उसका पानी भी जोहड़ में छोड़ा जाता है ताकि जोहड़ में पानी की किल्लत न हो सके।

गांव खनोरा में भी जोहड़ की खुदाई की हुई है जिसमें समय समय पर साफ पानी छोड़ा जाता है लेकिन इन दिनों जोहड़ का पानी दुषित हो चुका क्योंकि गांव में गंदे पानी की निकासी अलग न होने से गांव का सारा गंदा पानी जोहड़ में जा रहा है जिस कारण साफ पानी धीरे धीरे इस कदर दुषित हो गया है जो पशुओं के पीने तो क्या नहलाने लायक भी नही बचा है।

गांववासियों को अपने तौर पर पशुओं के पीने के पानी का प्रबंध करने में भारी परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा पानी में बदबू होने के कारण गांव का वातावरण भी दुषित हो रहा है। जोहड़ के आसपास घरों में रहने वाले परिवारों का जीना दुभर हो गया है जब हवा गांव की ओर चलती है तो पुरे गांव में दुषित हवा फैलने से बिमारियां पनपने का भय बना हुआ है। इसके चलते गांववासियों ने प्रशासन व सरकार से जोहड़ को साफ करवाने की गुहार लगाई है।