हरियाणा: शिक्षा बोर्ड पहली बार गृह जिलों में करवाएगा HTET परीक्षा

ख़बरें अभी तक: हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने पहली बार HTET परीक्षा गृह जिलों में करने का बड़ा फैसला लिया है। शिक्षा बोर्ड सचिव राजिव प्रसाद ने इसकी पुष्टी करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा एचएसएससी की परीक्षाओं में हुई दुर्घटनाओं के बाद की गई घोषणा के बाद यह फैसला लिया गया है। बता दें कि हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड हर साल भावी अध्यापकों यानि एचटेट की परीक्षा लेता है। ये परीक्षा पूरे प्रदेश में होती है और लाखों अध्यापक इस परीक्षा को देने के लिए सूबे के एक कोने से दूसरे कोने में जाते थे। इस दौरान परीक्षार्थियों को यातायात के साथ ठहरने को लेकर भी बड़ी परेशानी उठानी पड़ती थी।

सीएम मनोहरलाल की इस घोषणा पर शिक्षा बोर्ड ने 16 व 17 नवंबर को होने वाली एचटेट परीक्षाओं को गृह जिलों में करवाने की पूरी तैयारी कर ली है। इसकी पुष्टी करते हुए बोर्ड सचिव राजिव प्रसाद ने बताया कि शिक्षा बोर्ड पहली बार एचटेट परीक्षा गृह जिलों में आयोजित करवाने जा रहा है। उन्होने बताया कि इसके तहत किसी भी परीक्षार्थी को इस बार 50 किलोमीटर से दूर परीक्षा केन्द्र पर नहीं जाना पड़ेगा। उन्होने बताया कि इस बार 2 लाख 83 हजार परीक्षार्थी एचटेट परीक्षा देंगें, जिनके एडमीट कार्ड 8 नवंबर से ऑनलाईन हो रहे हैं। बोर्ड सचिव राजीव प्रसाद ने बताया कि इस बार लेवल-3 की परीक्षा 16 नवंबर को शांय तीन बजे से साढे पांच बजे तक होगी। वहीं लेवल-2 की परीक्षा 17 नवंबर को सुबह 10 बजे से दोपहर साढे 12 बजे तक तथा लेवल-1 की परीक्षा इसी दिन सांय तीन बजे से साढे पांच बजे तक होगी। उन्होने बताया कि इन परीक्षाओं के लिए प्रदेश भर के 22 जिलों के साथ बहादुरगढ व महेन्द्रगढ़ दो सब डविजनों में तीनों लेवल के लिए 959 परीक्षा केन्द्र बनाए गए हैं।

उन्होने बताया कि हर परीक्षा केन्द्र में सीसीटीवी लगाए गए हैं और परीक्षा केन्द्र के बाहर वीडियोग्राफी भी करवाई जाएगी। साथ ही बताया कि परीक्षा केन्द्र में महिलाओं को मंगल सुत्र व सिखों को धार्मिक चिन्ह के अलावा कोई जैवर पहन कर जाने पर मनाही होगी। बता दें कि खुद सीएम ने इस बार एचटेट परीक्षा करवाने का दावा किया था। इसके बाद शिक्षा बोर्ड ने गृह जिलों में परीक्षा करवाने की पूरी तैयारियां कर ली हैं। पर पहली बार गृह जिलों में होने वाली इन परीक्षाओं को नकल रहीत और बिना किसी बाधा के करवाना खुद बोर्ड के लिए एक बङी परीक्षा है। हालांकी बोर्ड सचिव इस परीक्षा में पास होने का पुख्ता दावा करते हैं पर समय ही बताएगा कि परीक्षार्थियों की सुविधा बोर्ड पर कितनी भारी पङती है और बोर्ड इस भार को कितनी आसानी से सहन करता है।