Dhanteras 2019: आज के दिन घर लाएं ये चीज, घर में आएगी सुख-शांति

ख़बरें अभी तक। आज धनतेरस का त्योहार (25अक्टूबर, शुक्रवार) है। कहा जाता है कि इस दिन खरीदारी करना शुभ माना जाता है। इस दिन खरीदारी करने से घर में हमेशा सुख-शांति और समृद्धि आती है और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद भी बना रहता है। इस दिन खरीदारी करने से सालभर घर में खरीदी गईं चीजें शुभ फल देती हैं। धनतरेस के दिन कौन सी चीजें खरीदनी चाहिए, जिससे घर में हमेशा समृद्धि बनी रहे इस बारें में हम आपको बताएंगे।

धनतेरस पर विभिन्न धातुओं से बने बर्तन, सोना, चांदी खरीदने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। पौराणिक मान्याताओं के अनुसार इस दिन धातु का सामान खरीदना शुभ माना जाता है। इस दिन धातु के बर्तनों की खरीदारी करना बहुत शुभ होता है। अगर पानी का बर्तन हो तो यह अधिक उत्तम माना जाता है। खील बताशे और मिट्टी के दीपक खरीदे जाते हैं। इसके साथ अंकों का बना धनयंत्र भी खरीद सकते हैं। धनतेरस की शाम उत्तर की ओर कुबेर और धनवंतरी की तस्वीर या मूर्ति स्थापना करनी चाहिए। दोनों के सामने एक-एक मुख का घी का दीपक जलाएं। कुबेर महाराज को सफेद मिठाई और धनवंतरी को पीली मिठाई चढ़ाना भी शुभ माना जाता है।

इस दिन ‘ॐ ह्रीं कुबेराय नमः’ मंत्र के जाप के बाद धनवंतरी स्रोत का पाठ करना शुभ फलदायी माना जाता है। पूजा के बाद दीवाली के दिन कुबेर को धन रखने की जगह और धनवंतरी भगवान को पूजा करने की जगह पर स्थापित करना चाहिए। धनतेरस के दिन धनवंतरी पूजन के साथ नई झाड़ू खरीदकर सफाई करना भी शुभ होता है। इस दिन सायंकाल दीये जलाकर घर, दुकान आदि को झालर और फूलों से सजाना फलदायी माना गया है। इस दिन लोग मंदिर, गौशाला, नदी के घाट, कुओं, तालाब, बगीचों में भी दीये जलाते हैं।

धार्मिक मान्यतानुसार, इस दिन समुद्र मंथन के समय भगवान धनवंतरी अमृत का कलश लेकर प्रकट हुए थे। तभी से इस दिन को धनतेरस के रूप में मनाया जाता है। यह भी मान्यता है कि धनवंतरी के प्रकट होने के ठीक दो दिन बाद मां लक्ष्मी प्रकट हुई थीं। जिस वजह से प्रतिवर्ष दीवाली से दो दिन पहले धनतेरस मनाया जाता है। ऐसी लोक मान्यता है कि इस दिन धातु की चीजें खरीदने से धन में 13 गुना इजाफा होता है। धनतेरस कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है।

धनतेरस के अवसर पर देवताओं के कोषाध्यक्ष कुबेर भगवान का भी का पूजन किया जाता है। कुबेर महाराज के बारे में कहा जाता है कि कलियुग में धनवान बनाने वाले यही हैं क्योंकि कलियुग में धन का आगमन उलटे सीधे तरीकों से ही होता है। कुबेर महाराज को उलट धंधे से धनवान बनाने वाला माना जाता है। धनतेरस की शाम परिवार की मंगलकामना के लिए यम देवता के नाम का दीपक भी जलाते हैं।

मान्यता है कि धनतेरस पर दिन के समय या संध्याकाल में अगर खरीदारी की जाए तो मनोकामना पूर्ण होती है। इस दिन स्वास्थ्य रक्षा के लिए धनवंतरी देव की उपासना की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन यम दीप जलाने से यमराज प्रसन्न होते हैं और पितृपक्ष के बाद पितर लोक लौट रहे पितरों का मार्ग भी प्रकाशित हो जाता है जिससे उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।

इस बार क्या है शुभ मुहूर्त?

धनतेरस पूजा मुहूर्त- शाम 07.08 बजे से रात 8.14 बजे तक

अवधि- 1 घंटा 06 मिनट