पहली बार निगम चुनाव से 2 दिन बाद होगी काऊंटिंग

खबरें अभी तक। लुधियाना नगर निगम के जनरल हाऊस की अवधि पिछले साल सितंबर में खत्म होने के बाद से पैंडिंग चल रहे चुनावों को लेकर कायम सस्पैंस आखिर वीरवार को खत्म हो गया। इसके तहत सामने आई तारीख 24 फरवरी का कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने तो कई दिन पहले ही अनौपचारिक तौर पर ऐलान कर दिया था।

लेकिन उस बारे में स्टेट इलैक्शन कमिश्नर द्वारा नोटीफि केशन जारी होने के बाद सारी तस्वीर साफ हो गई है।हालांकि उसमें सी.एम. द्वारा बताई गई काऊंटिंग की तारीख एक दिन आगे यानी कि 27 फरवरी हो गई है, जो 1991 के बाद नगर निगम के इतिहास में पहला मौका है जब चुनाव के बाद 2 दिन तक नतीजों के लिए इंतजार करना पड़ेगा।

इसे लेकर सियासी गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म हो गया है, क्योंकि हाल ही में हुए जालंधर, अमृतसर व पटियाला नगर निगम के चुनाव में वोटिंग वाले दिन ही नतीजे घोषित किए गए थे। यहां तक कि लुधियाना नगर निगम के साथ 24 फरवरी को ही 27 अन्य जगहों पर हो रहे नगर निगम के उप चुनाव के नतीजे उसी दिन घोषित किए जा रहे हैं। लेकिन कोई अफसर इस बारे में स्पष्ट जबाब देने की स्थिति में नहीं है।

वोटर लिस्ट फाइनल होने से 2 दिन पहले ही हो गई चुनाव की घोषणा
स्टेट इलैक्शन कमिश्नर द्वारा नगर निगम चुनाव के लिए वोटर लिस्ट तैयार करने के निर्देश तो जिला प्रशासन को काफी पहले ही जारी कर दिए गए थे। लेकिन नई बनने वाली वोटों पर चुनाव आयोग की मोहर लगने के इंतजार में कुछ देरी हो गई। जिसके बाद विधानसभा चुनाव के समय की वोटर लिस्ट को नए बने वार्डों के हिसाब से बूथ बनाकर बांट दिया गया। उसके आधार पर जारी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पर पब्लिक से 24 जनवरी तक एतराज मांगे गए थे। जबकि एतराज दूर करने के बाद फाइनल वोटर लिस्ट जारी करने का शैड्यूल 3 फरवरी रखा गया था, जबकि उससे 2 दिन पहले ही चुनाव के ऐलान का फैसला गले नहीं उतर रहा है।

स्ट्रांग रूम बनाने को लेकर मची अफरा-तफरी
आम तौर नगर निगम चुनाव स्कूल व धर्मशाला में करवाए जाते हैं, जिसके लिए एक दिन पहले पोङ्क्षलग स्टाफ भेजा जाता है और दूसरे दिन वोटिंग व काऊंटिंग के लिए उन परिसरों में कोई अन्य गतिविधियों की मनाही होती है। लेकिन इस बार हालत कुछ अलग होंगे, जिसकी वजह चुनाव वाले दिन की जगह 2 दिन बाद काऊंटिंग होना है। यह पहलू सामने आते ही प्रशासन के अधिकारियों में अफरा-तफरी मच गई, क्योंकि अब उनको 2 दिन तक वोटिंग मशीन रखने के लिए अलग से प्रबंध करने पड़ेंगे। जिसमें अहम पहलू मशीनों को सुरक्षित रखने के लिए स्ट्रांग रूम बनाने का होगा। इसके लिए जगह ढूंढने के लिए ऑफिसरों को कई बिल्डिंगों का मौका चैक करते देखा गया।