फसल अवशेषों में आग लगाने पर कृषि विभाग ने 35 किसानों के खिलाफ करवाई शिकायत दर्ज

ख़बरें अभी तक। करनाल : धान की कटाई के बाद फसल अवशेषों में आग लगाने पर कृषि विभाग ने जिले के 35 किसानों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है। सेटेलाइट के जरिये मिली सूचना के आधार पर विभाग के अधिकारियों ने राजस्व विभाग की टीम के साथ मौका मुआयना किया। कृषि विभाग को 120 की जानकारी मिली। जिसमे से 58 चिन्हित किए गए। जिन खेतों में आग लगाई गई थी उनके किला नंबर के आधार पर मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।

सेटेलाइट से प्राप्त सूचना में जिले में 75 जगहों पर फसल अवशेष जले हैं। इन सभी जगहों को पटवारी की मदद से तलाश कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। इस कार्रवाई से किसानों में हड़कंप मच गया है। वहीं कृषि विभाग का कहना है कि अवशेष जलाने की प्रक्रिया हरगिज नहीं होने दी जाएगी। ऐसा करने वालों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

हिसार स्थित हरसेक सेटेलाइट सिस्टम से प्राप्त हुई एक्टिव फायर लोकेशन की सूचना पर कृषि अधिकारी गांवों की ओर दौड़े। सेटेलाइट से प्राप्त सूचना जिलों में प्रेषित की जा रही है। पिछले चार-पांच दिन के भीतर करनाल जिले में इस तरह की 75 घटनाएं हुईं है। जिसकी जानकारी कृषि उपनिदेशक कार्यालय को भेजी गई। उसके बाद कृषि उपनिदेशक कार्यालय की टीम पटवारी को मौके पर लेकर पहुंची और जांच की। उन खेतों का राजस्व रिकॉर्ड जांचा गया। उसके बाद विभाग ने पुलिस में रिपोर्ट की है। आग लगाने की घटनाओं की सभी सूचनाओं को लेकर विभागीय टीम जांच में जुटी हुई है।

तीन कंबाइन की इंपाउंड

उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने जिले में फसल अवशेष जलाने पर पाबंदी लगाते हुए धारा 144 लगाई हुई है। यही नहीं कंबाइन हारवेस्टर पर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम लगाना अनिवार्य किया हुआ है। इस यंत्र से धान की कटाई करते वक्त फसल अवशेष छोटे टुकड़ों में बिखर जाते हैं और उन्हें आसानी से जुताई के समय मिट्टी में मिलाया जा सकता है। इस प्रक्रिया से मृदा की उपजाऊ क्षमता भी बढ़ती है। जांच में जिले में तीन कंबाइन में एसएमएस नहीं पाए जाने पर उन्हें इंपाउंड कर लिया गया था। बिना एसएमएस के कंबाइन चलाने पर पूर्ण प्रतिबंध है।

इन किसानों पर हुए मामले दर्ज

जिन किसानों के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई है उनमें पांच कनाल खेत के अवशेष जलाने पर असंध खंड के बाहरी गांव निवासी सुनील, एक कनाल के अवशेष जलाने पर रत्तक निवासी सुरजीत, 13 कनाल के अवशेष जलाने पर उपलाना के लक्ष्मण, 120 कनाल खेत के अवशेष जलाने पर इंद्री खंड के चंद्राव गांव के किसान पृथ्वी राज और 16 कनाल में अवशेष जलाने पर नीलोखेड़ी खंड के गिट्टलपुर गांव के रंगी राम के नाम शामिल हैं।

अवशेष की ताकत को समझें किसान

कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ. आदित्य डबास ने कहा कि जिले में लागू धारा 144 व वायु प्रदूषण अधिनियम की उल्लंघना करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। फसल अवशेष जलाकर किसान पर्यावरण व जमीन दोनों को नुकसान पहुंचाता है। मित्र कीट खत्म हो जाते हैं। अवशेष प्रबंधन के लिए आधुनिक कृषि यंत्र उपलब्ध हैं। इसके लिए जिले में कस्टम हायर सेंटर स्थापित किए गए हैं। अवशेष प्रबंधन से जमीन की ताकत बढ़ती है। किसानों को जागरूक रहना चाहिए।